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मल्लिकार्जुन खड़गे होंगे राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष, कांग्रेस ने चेयरमैन को भेजा नाम

कांग्रेस ने मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम राज्यसभा में नेता विपक्ष के लिए चेयरमैन वेंकैया नायडू को भेज दिया है. संगठन के महासचिव वेणुगोपाल ने इसकी जानकारी दी है. इसे पहले आनंद शर्मा का नाम सामने आ रहा था.

Updated on: 12 Feb 2021, 02:57 PM

नई दिल्ली:

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल खत्म होने के बाद पार्टी ने लोकसभा में विपक्ष के नेता रहे मल्लिकार्जुन खड़गे को विपक्ष का नेता नामित करे का फैसला लिया है. कांग्रेस ने खड़गे का नाम राज्यसभा में नेता विपक्ष के लिए चेयरमैन वेंकैया नायडू को भेज दिया है. संगठन के महासचिव वेणुगोपाल ने इसकी जानकारी दी है. इसे पहले आनंद शर्मा का नाम सामने आ रहा था. फिलहाल वह राज्यसभा में विपक्ष के उप नेता हैं. वह खुद भी चाहते थे कि उन्हें राज्यसभा में नेता विपक्ष बनाया जाए लेकिन हाल में सोनिया गांधी को चिट्टी लिखने वाले नेताओं में उनका नाम भी शामिल होने के बाद पार्टी ने उनके नाम को लेकर कोई उत्साह नहीं दिखाया. 

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गौरतलब है कि राज्यसभा में 15 फरवरी के बाद जम्मू और कश्मीर का कोई प्रतिनिधि नहीं होगा. राज्यसभा में यहां से 4 सीटें हैं लेकिन केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद यहां चुनाव नहीं हुए. ऐसे में फिलहाल वहां से कोई सदस्य नहीं होगा. राज्यसभा में पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के दो सांसद नजीर अहमद लावे (10 फरवरी) और मीर मोहम्मद फैयाज (15 फरवरी) का कार्यकाल भी खत्म हो जाएगा. वहीं गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल 15 फरवरी को खत्म हो जाएगा. भारतीय जनता पार्टी के शमशेर सिंह मन्हास का कार्यकाल भी 10 फरवरी को पूरा हो जाएगा.

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कौन हैं मल्लिकार्जुन खड़गे
मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के बड़े नेताओं में गिने जाते हैं. खड़गे को कांग्रेस पार्टी का बड़ा दलित चेहरा माना जाता है. वह दक्षिण राज्य कर्नाटक से आते हैं. उनका जन्म 21 जुलाई 1942 को बिदर जिले में हुआ. उनकी पढ़ाई लिखाई गुलबर्गा में हुई और उन्होंने वकालत की डिग्री हासिल की. खड़गे कर्नाटक की राजनीति में लंबा अनुभव रखने वाले नेता हैं. मल्लिकार्जुन खड़गे साल 1969 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए. उसके बाद गुलबर्गा के कांग्रेस शहर अध्यक्ष बने. उसके बाद 1972 में पहली बार खड़गे विधायक बने. साल 2008 तक लगातार वह 9 बार विधायक चुने जाते रहे. फिर 2009 में गुलबर्गा लोकसभा सीट से संसदीय चुनाव में उतरे और जीतकर संसद पहुंचे. मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली यूपीए सरकार के दौरान खड़गे को अहम मंत्रालय देते हुए रेल, श्रम और रोजगार मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई. मौजूदा समय में वे गुलबर्गा से दूसरी बार सांसद हैं.