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कश्मीर को 'अधिक स्वायत्ता' दिए जाने के चिदंबरम के बयान से कांग्रेस का किनारा

कांग्रेस ने पी चिंदबरम के जम्मू-कश्मीर को 'अधिक स्वायत्ता' देने के बयान से दूरी बना ली है। कांग्रेस ने कहा है, 'जरूरी नहीं कि किसी व्यक्ति का विचार पार्टी का दृष्टिकोण हो।'

Updated on: 29 Oct 2017, 10:20 AM

highlights

  • कांग्रेस ने पी चिंदबरम के जम्मू-कश्मीर को 'अधिक स्वायत्ता' देने के बयान से दूरी बना ली है
  • कांग्रेस ने कहा है, 'जरूरी नहीं कि किसी व्यक्ति का विचार पार्टी का दृष्टिकोण हो'

नई दिल्ली:

कांग्रेस ने पी चिंदबरम के जम्मू-कश्मीर को 'अधिक स्वायत्ता' देने के बयान से दूरी बना ली है। कांग्रेस ने कहा है, 'जरूरी नहीं कि किसी व्यक्ति का विचार पार्टी का दृष्टिकोण हो।'

कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा है और यह हमेशा भारत के साथ बना रहेगा। इस पर कोई सवाल ही नहीं उठता है।'

गौरतलब है कि शनिवार को गुजरात के राजकोट में बोलते हुए चिदंबरम ने जम्मू-कश्मीर को अधिक स्वायत्ता दिए जाने का जिक्र किया था, जिसे भारतीय जनता पार्टी ने शर्मनाक करार (बीजेपी) दिया।

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने चिदंबरम के बयान को 'शर्मनाक और चौंकाने' वाला बताया।

वहीं अब चिदंबरम ने इस मामले में ट्वीट करने अपने बयान का समर्थन किया है। रविवार सुबह ट्वीट कर चिदंबरम ने कहा, 'बीजेपी को मेरी आलोचना करने से पहले मेरे बयान को पढ़ना चाहिए।'

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में खुफिया ब्यूरो के पूर्व निदेशक दिनेश्वर शर्मा को कश्मीर पर बातचीत के लिए मुख्य वार्ताकार नियुक्त किया है। चिदंबरम ने शर्मा की नियुक्ति को भटकाने वाले करार दिया।

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उन्होंने कश्मीरियों की आजादी की मांग को समझाते हुए कहा था, 'वहां के लोगों का आजादी से मलतब स्वायत्तता से है, जिस पर गंभीरता से विचार किए जाने की जरूरत है।'

गुजरात के राजकोट में चिदंबरम ने कहा, 'कश्मीर घाटी में अनुच्छेद 370 का सम्मान करने की मांग की जाती है, जिसका मतलब है कि वहां के लोग अधिक स्वायत्तता चाहते हैं।'

चिदंबरम ने कहा कि अधिक स्वायत्तता के सवाल पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और इस पर गौर करना चाहिए कि किन क्षेत्रों में स्वायत्तता दी जा सकती है।

उन्होंने कहा, 'स्वायत्तता पूरी तरह से भारत के संविधान के अंतर्गत है। जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा रहेगा, लेकिन उसे अधिक शक्तियां देनी चाहिए जिसका अनुच्छेद 370 के तहत वादा किया गया था।'

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