आधार डेटा लीक का भंडाफोड़ करने वाले पत्रकार के खिलाफ FIR, कांग्रेस ने कहा-पगला गई है सरकार
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के इस कदम की आलोचना के बाद कांग्रेस ने इस फैसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बोलने और लिखने की आजादी के अधिकार का गला घोंटने का आरोप लगाया है।
highlights
- आधार कार्ड से डेटा लीक होने के मामले में एक पत्रकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है
- कांग्रेस ने कहा कि सरकार डेटा लीक मामले की पड़ताल के बदले इसकी पोल खोलने वाले का गला घोंटने में जुटी हुई है
नई दिल्ली:
आधार कार्ड से जुड़े बायोमीट्रिक डेटा लीक होने के मामले में एक पत्रकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के इस कदम की आलोचना के बाद कांग्रेस ने इस फैसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बोलने और लिखने की आजादी के अधिकार का 'गला घोंटने' का आरोप लगाया है।
कांग्रेस ने कहा कि सरकार डेटा लीक मामले की पड़ताल के बदले इसकी पोल खोलने वाले का 'गला घोंटने' में जुटी हुई है।
गौरतलब है कि द ट्रिब्यून में छपी रिपोर्ट में पत्रकार रचना खैड़ा ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि कैसे पैसों के बदले आधार कार्ड की जानकारी आसानी से खरीदी जा सकती है।
इसके बाद यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) ने अखबार और पत्रकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। एफआईआर में उन लोगों के नाम भी शामिल हैं, जिन्होंने रिपोर्टर से डेटा बेचने की बात की थी।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सूरजेवाला ने कहा, 'प्रत्येक भारतीय को सरकार के इस पागलपूर्ण फैसले की निंदा करनी चाहिए।'
कांग्रेस ने निजता से जुड़े मामलों में मोदी सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी के बयान का जिक्र किया। खबरों के मुताबिक रोहतगी ने पिछले साल कहा था कि देश के किसी भी नागरिक का उसकी खुद की शरीर पर पूरा अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा, 'निजता पर मोदी सरकार की मंशा और नीयत की कलई पूरी तरह से खुल चुकी है, जब उन्होंने कहा कि देश के किसी भी नागरिक को उसकी शरीर पर पूरा अधिकार नहीं है।'
और पढ़ें: आधार कार्ड से जानकारी चुराने का खुलासा करने वाले पत्रकार के खिलाफ FIR
सुरजेवाला ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट में मोदी सरकार ने आधार डेटा लीक को स्वीकार किया था! अब वह इसकी जांच कराने के बदले आक्रामक मोदी जी पत्रकार का गला घोंट रहे हैं!'
वहीं इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पार्टी प्रवक्ता शोभा ओझा ने कहा कि यूआईडीएआई की तरफ से एफआईआर दर्ज कराया जाना सरकार की 'तानाशाही मानसिकता' को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि 'समय-समय' पर आधार डेटा लीक का मामला सामने आते रहा है। बेंगलुरू की सेंटर फॉर इंटरनेट एंड सोसाएटी ने पिछले साल दावा किया था कि सरकारी वेबसाइट्स से करीब 13 करोड़ लोगों का डेटा लीक हो चुका है।
ओझा ने कहा कि भारतीय नागरिकों की निजी जानकारी हैकरों के निशाने पर है और निजता का अधिकार खतरे में है। लेकिन 'मोदी सरकार इस पर चुप्पी साधे हुए है। सरकार ने खुद माना है कि लीक हुआ है लेकिन वह कुछ नहीं कर रही है, जो चिंता का विषय है।'
वहीं विवाद के बाद यूआईडीएआई ने सफाई देते हुए कहा कि वह बोलने और लिखने की आजादी के अधिकार का सम्मान करती है और पुलिस में की गई शिकायत को 'आवाज उठाने वाले का गला घोंटने' की कोशिश की तरह नहीं देखना चाहिए।
जारी बयान में कहा गया है कि उसकी कार्रवाई को मीडिया या आवाज उठाने वालों के खिलाफ नहीं देखा जाना चाहिए।
और पढ़ें: सीजफायर से बचने के लिए सरकार LoC पर बनाएगी 14,000 बंकर्स
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Pramanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Shri Premanand ji Maharaj: मृत्यु से ठीक पहले इंसान के साथ क्या होता है? जानें प्रेमानंद जी महाराज से
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
May 2024 Vrat Tyohar List: मई में कब है अक्षय तृतीया और एकादशी? यहां देखें सभी व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट