'...तब तक तिरंगा नहीं उठाएंगे' वाले बयान पर बढ़ सकती हैं महबूबा मुफ्ती की मुश्किलें

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के विवादित बयान को लेकर हंगामा मचा है.

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के विवादित बयान को लेकर हंगामा मचा है.

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Dalchand Kumar
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पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती( Photo Credit : फ़ाइल फोटो)

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के विवादित बयान को लेकर हंगामा मचा है. महबूबा मुफ्ती ने देश के तिरंगे झंडे को लेकर विवादिय बयान दिया है, जिसकी बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस ने भी निंदा की है. अब तिरंगा न उठाने का विवादित बयान देने वाली महबूबा मुफ्ती की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. महबूबा मुफ्ती के खिलाफ एफआईआर की मांग को लेकर पुलिस कमिश्नर को शिकायत भेजी गई है.

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सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल की ओर से पुलिस कमिश्नर को भेजी शिकायत में कहा गया है कि महबूबा मुफ्ती ने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया है, लोकतांत्रिक तरीक़े से चुनी सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काया है। उनके खिलाफ नेशनल ऑनर एक्ट और  धारा 121, 151,153A,295,298 ,504,505 के तहत FIR दर्ज होनी चाहिए.

दरअसल, महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि जब तक जम्मू-कश्मीर को लेकर पिछले साल 5 अगस्त को संविधान में किए गए बदलावों को वापस नहीं ले लिया जाता, तब तक उन्हें चुनाव लड़ने अथवा तिरंगा थामने में कोई दिलचस्पी नहीं है. उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को पिछले वर्ष अगस्त में समाप्त किए जाने के बाद से महबूबा हिरासत में थीं.

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रिहा होने के बाद पहली बार मीडिया से पीडीपी नेता मुफ्ती ने बातचीत में कहा कि वह तभी तिरंगा उठाएंगी, जब पूर्व राज्य का झंडा और संविधान बहाल किया जाएगा. उन्होंने कहा, 'जहां तक मेरी बात है तो मुझे चुनाव में कोई दिलचस्पी नहीं है. जब तक वह संविधान हमें वापस नहीं मिल जाता, जिसके तहत मैं चुनाव लड़ती थी, महबूबा मुफ्ती को चुनाव से कोई लेना देना नहीं है.' महबूबा ने आरोप लगाया कि तिरंगा झंडा संविधान का भाग था और भाजपा ने संविधान और झंडे को अपवित्र किया है.

कांग्रेस ने महबूबा मुफ्ती द्वारा तिरंगे झंडे को लेकर दिए गए बयान की कड़ी निंदा की और कहा कि यह स्वीकार करने योग्य नहीं है और इससे लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं. जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस समिति (जेकेपीसीसी) के अध्यक्ष रवींद्र शर्मा ने कहा, 'ऐसे बयान किसी भी समाज में बर्दाश्त करने लायक नहीं हैं और अस्वीकार्य हैं.' उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज देश के सम्मान का प्रतीक है. शर्मा ने कहा कि उन्हें (महबूबा) इस तरह के अपमानजनक बयानों से बचना चाहिए.

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वहीं जम्मू कश्मीर बीजेपी ने पीडीपी अध्यक्ष के बयान के लिए उनकी गिरफ्तारी की मांग की है. बीजेपी ने कहा कि 'धरती की कोई ताकत' वह झंडा फिर से नहीं फहरा सकती और अनुच्छेद 370 को वापस नहीं ला सकती. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रवींद्र रैना ने संवाददाताओं से कहा, 'मैं उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से अनुरोध करता हूं कि वह महबूबा मुफ्ती के देशद्रोही बयान का संज्ञान लें और उन्हें सलाखों के पीछे डालें.'

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