भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की बातचीत सुबह 12 बजे से जारी
कोर कमांडर स्तर के वर्तमान दौर की बैठक के दौरान प्रतिनिधि पैंगोंग झील (Pangong Tso Lake) के उत्तरी और दक्षिणी तट से सैनिकों को हटाए जाने की स्थिति की भी पड़ताल करेंगे.
highlights
- पैंगोंग झील के किनारों पर डिसएंगेजमेंट पूरा.
- गलवान संघर्ष में चीन ने कबूली मरे सैनिकों की संख्या.
- ज गोगरा, हॉट स्प्रिंग और डेपसांग इलाकों पर हो रही चर्चा.
नई दिल्ली :
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन के बीच सैन्य वार्ता शनिवार सुबह शुरू हुई. कोर कमांडर की बैठक का 10वां दौर सुबह 10 बजे चीनी क्षेत्र के मोल्दो (Moldo) में शुरू हुआ. भारतीय सैन्य प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन कर रहे हैं. कोर कमांडर की चर्चा में हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और 900 वर्ग किमी डेपसांग के मैदानों जैसे क्षेत्रों से जवानों को हटाने पर बात होगी. कोर कमांडर स्तर के वर्तमान दौर की बैठक के दौरान प्रतिनिधि पैंगोंग झील (Pangong Tso Lake) के उत्तरी और दक्षिणी तट से सैनिकों को हटाए जाने की स्थिति की भी पड़ताल करेंगे.
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इसी बीच चीन ने पहली बार गलवान संघर्ष में मारे गए अपने सैनिकों की संख्या उजागर की है. चीन का कहना है कि इस संघर्ष में उसके केवल 5 सैन्यकर्मी मारे गए थे. चीनी सेना के मुखपत्र पीएलए डेली ने शुक्रवार को कबूल किया कि भारत के साथ झड़प में कराकोरम पर्वतों में तैनात उसके 5 सैन्यकर्मियों की शहादत हुई. उनकी शहादत को सेंट्रल मिलिट्री कमिशन ने मान्यता दी है. चीनी अखबार का दावा है कि घटना उस समय हुई, जब भारतीय सेना ने अवैध रूप से एलएसी पार करने की कोशिश की. इस घटना में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे. सैन्य सूत्रों का कहना है कि इस घटना में चीन के 45 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे, लेकिन शर्मिंदगी के भाव से बचने के लिए वह इस संख्या को घटाकर 5 बता रहा है. जिससे अपने देश की जनता को संतुष्ट किया जा सके.
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रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 11 फरवरी को संसद में एक बयान में कहा था कि चीन अपनी सेना की टुकड़ियों को हटा कर पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे में फिंगर आठ इलाकों के पूरब की दिशा में ले जाएगा. उन्होंने कहा कि भारत अपनी सैन्य टुकड़ियों को फिंगर तीन के पास अपने स्थायी ठिकाने धन सिंह थापा पोस्ट पर रखेगा. उन्होंने कहा कि इसी तरह की कार्रवाई दक्षिणी किनारे वाले क्षेत्र में भी दोनों पक्ष करेंगे. रक्षा मंत्री ने कहा था कि इसपर सहमति बनी है कि पैंगोंग झील क्षेत्र में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के 48 घंटे के भीतर दोनों पक्षों के वरिष्ठ कमांडरों की अगली बैठक अन्य सभी मुद्दों को हल के लिए बुलायी जाएगी. रक्षा मंत्रालय ने बाद में कहा था कि डेपसांग, हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा सहित अन्य लंबित मुद्दों पर दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच आगामी वार्ता में चर्चा की जाएगी.
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