logo-image

जातिगत जनगणना पर पीएम मोदी से मिले नीतीश, कहा-इस मुद्दे पर हम सब एकमत

पीएम मोदी से मुलाकात करने बाद सीएम नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने राज्य में जाति जनगणना पर प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्यों की बात सुनी.

Updated on: 23 Aug 2021, 12:38 PM

highlights

  • जातिगत जनगणना की मांग को लेकर पीएम मोदी से मुलाकात
  • सीएम नीतीश कुमार समेत 11 नेताओं ने की मुलाकात
  • 40 मिनट तक चली बैठक, सभी पार्टियां इस मुद्दे पर एकमत

नई दिल्ली :

जातिगत जनगणना को लेकर सोमवार को यानी आज सीएम नीतीश (CM Nitish Kumar), विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव समेत कुल 11 नेताओं के प्रतिनिधि मंडल दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मुलाकात की. ये मुलाकात करीब 40 मिनट तक चली. पीएम मोदी से मुलाकात करने बाद सीएम नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने राज्य में जाति जनगणना पर प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्यों की बात सुनी. हमने पीएम से इस पर उचित निर्णय लेने का आग्रह किया. हमने उन्हें बताया कि कैसे जाति जनगणना पर राज्य विधानसभा में दो बार प्रस्ताव पारित किया गया है.

नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार के एक मंत्री की ओर से बयान आया था कि जातिगत जनगणना नहीं होगी, इसलिए हमने बाद में बात की. नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारी बात सुनी है.

पीएम को इस बात पर निर्णय लेना है

सीएम नीतीश कुमार ने आगे बताया कि इस मुद्दे पर बिहार और पूरे देश के लोगों की राय एक जैसी है.  हमारी बात सुनने के लिए हम पीएम के शुक्रगुजार हैं. अब, उन्हें इस पर निर्णय लेना है.

तेजस्वी ने कहा- ये सिर्फ बिहार नहीं पूरे देश की मांग

वहीं, आरजेडी प्रमुख और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी से मिलने के बात कहा कि हमारे प्रतिनिधिमंडल ने आज न केवल राज्य (बिहार) में बल्कि पूरे देश में जाति जनगणना के लिए पीएम से मुलाकात की. हम अब इस पर निर्णय का इंतजार कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें:विवादित बयानों के बाद सिद्धू ने अपने सिपाहसालारों को किया तलब

दशकों से जातिगत जनगणना की हो रही मांग

सीएम नीतीश कुमार समेत तमाम पार्टियों नेताओं ने पीएम मोदी से मांग की है कि देश में जातिगत आधार पर जनगणना होनी चाहिए. जिससे पिछड़ी जातियों के विकास में तेजी लाई जा सके. बता दे कि कई दशकों से जातिगत जनगणना की मांग की जा रही है. इस बार बिहार में इसकी आवाज फिर से तेज हुई है. कई दलों ने जातिगत गणना करने की मांग की है.