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भारत के सबसे लंबे पुल को लेकर चीन ने भारत को चेताया, कहा-अरुणाचल प्रदेश में इंफ्रा निर्माण को लेकर संयम बरते

अरुणाचल प्रदेश में बुनियादी ढांचे के निर्माण को लेकर चीन ने भारत को संयम बरतने को कहा है।

Updated on: 30 May 2017, 12:06 AM

नई दिल्ली:

अरुणाचल प्रदेश में बुनियादी ढांचे के निर्माण को लेकर चीन ने भारत को संयम बरतने को कहा है। चीन ने यह बयान तब जारी किया है जब हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरुणाचल प्रदेश को असम से जोड़ने वाले देश के सबसे लंबे ढोला सदिया पुल का उद्घाटन किया है।

चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि चीन के साथ सीमा मुद्दे के समाधान से पहले भारत इस मामले को लेकर संयमित रुख अपनाएगा। जिससे कि दोनों देशों के बीच सीमाई इलाकों में शांति बनाए रखा जा सके।'

बयान में कहा गया है, 'दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर चीन का रुख पूरी तरह से साफ है इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है।' चीन के तरफ से जारी बयान के अनुसार दोनों को अपने क्षेत्रीय विवाद आपसी बातचीत से सुलझाने चाहिए।

पीएम मोदी ने ब्रह्मपुत्र नदी पर करीब 9.2 किमी लंबे सेतु का उद्धाटन किया था। ढोला और सदिया के बीच बना यह पुल अरुणाचल प्रदेश को असम से जोड़ता है। इस पुल के शुरू होने से दोनों राज्यों के बीच की दूरी करीब 165 किमी घट गई है।

पीएम ने इस पुल का नाम भूपेन हजारिका के नाम पर रखा है। हजारिका गायक, संगीतकार के साथ कवि, फि़ल्म निर्माता और लेखक भी थे। वे असम की संस्कृति और संगीत के अच्छे जानकार भी थे।

पुल की खासियत है कि यह 60-टन वजनी युद्ध टैंकों का भार वहन कर सकता है। यह देश की पूर्वी सीमा के विभिन्न रणनीतिक क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए भारतीय सेना को सुगमता प्रदान करेगा।

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साथ ही यह चीन की सीमा से करीब 100 किलोमीटर दूर अरुणाचल प्रदेश के एनिनी तक असैन्य तथा सैन्य सामग्री को पहुंचाने में मददगार होगा। पीएम ने कहा था, 'यह पुल केवल इस क्षेत्र के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश की आर्थिक क्रांति की नई शुरुआत करेगा।'

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