गलवान घाटी में शहीद हुए भारत के 20 सैनिकों के परिवार को जहां भारत में उचित सम्मान दिया जा रहा है तो वहीं मारे गए सैनिकों के परिवार को शांत करा रहा है. चीन ने लद्दाख की गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास मारे गए अपने सैनिकों के परिवार को चुप कराने का प्रयास किया. चीन आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं करता कि झड़प में उसके सैनिकों की मौत हुई थी.
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उधर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के मुखपत्र द ग्लोबल टाइम्स के संपादक हू जिन ने कहा कि सेना में सर्वोच्च सम्मान के साथ मृतकों के साथ व्यवहार किया गया है. सही समय आने पर ही यह जानकारी समाज को दी जाएगी. गौरतलब है कि दो दिन पहले ही चीन का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवानों के परिवार इस बात से नाराज हैं कि भारतीय सैनिकों के विपरीत, उनके शहीदों को कोई सम्मान नहीं मिला. सोशल मीडिया पर यह वीडियो काफी वायरल हुआ. ग्लोबल टाइम्स भी इस बात को मान चुका है कि लद्दाख में उसके 20 से कम सैनिक मारे गए हैं.
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झड़प वाली जगह से एक किमी पीछे हटी चीनी सेना
गुरुवार को चीन की सीमा उस जगह से एक किमी पीछे हट गई है जहां 15 जून को भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इस भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है. हालांकि इस दौरान चीन से सीमा पर अपने सैनिकों की तादात भी बढ़ा दी है. चीन ने एलएसी के पास भारी संख्या में टैंट और हथियार जुटा लिए हैं. एक तरफ चीन बातचीत कर रहा है जबकि दूसरी तरह वह सरहद पर युद्ध जैसा माहौल भी बना रहा है.
Source : News Nation Bureau