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बाज नहीं आ रहा चीन, अब फिंगर 2 से पीछे हटने के लिए रखी शर्त

भारत ने भी इस मामले में सख्त रुख अपना लिया है. भारत चीन की किसी भी शर्त को मानने के लिए तैयार नहीं है. अभी चीनी सेना फिंगर-5 से लेकर फिंगर-8 तक के इलाके में डटी हुई है जबकि भारतीय सेना फिंगर-4 के करीब है.

Updated on: 06 Aug 2020, 07:11 AM

नई दिल्ली:

चीन (China) की पैंतरेबाजी कम होने का नाम नहीं ले रही है. पेंगोंग लेक इलाके में पीछे हटने को लेकर चीन ने न सिर्फ अड़ियल रुख अपनाया हुआ है बल्कि अब उसने पहले भारतीय सेना के फिंगर-2 से पीछे हटने की शर्त रख दी है. भारत ने भी इस मामले में सख्त रुख अपना लिया है. भारत चीन की किसी भी शर्त को मानने के लिए तैयार नहीं है. अभी चीनी सेना फिंगर-5 से लेकर फिंगर-8 तक के इलाके में डटी हुई है जबकि भारतीय सेना फिंगर-4 के करीब है.

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हाल के दिनों में चीनी सेना फिंगर-4 तक आ गई थी और दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने की स्थिति में आ चुके थे. सैन्य कमांडरों की वार्ताओं में बनी सहमति के बाद जुलाई में चीनी सेना फिंगर-4 समेत कई स्थानों से पीछे हटी थी. वह फिंगर-4 से लेकर फिंगर-5 तक ही पीछे हटी जबकि फिंगर 8 तक का इलाका भारत का है.

पूरे फिंगर क्षेत्र को बफर जोन बनाने की कोशिश में
इस मामले में चीन के नई शर्तें मुश्किल पैदा कर रही है. दरअसल चीन चाहता है कि भारतीय सेना पहले फिंगर-2 तक पीछे हटे. चीन चाहता है कि पूरे फिंगर क्षेत्र को बफर जोन बना दिया जाए, जहां किसी देश की सेना न रहे. जबकि भारतीय सेना फिंगर-2 तक हमेशा मौजूद रही है. फिंगर आठ तक वह गश्त भी करती रही है. यह पूरा इलाका सात से आठ किमी तक का है. सरकारी सूत्रों ने कहा कि चीन के इस कदम के पीछे फिंगर क्षेत्र को विवादित क्षेत्र घोषित करने की रणनीति हो सकती है, जिसे कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता.

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बैठक में नहीं निकला नतीजा
इस मामले को लेकर भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच इस रविवार को भी बैठक आयोजित की गई. इस बातचीत का भी कोई नतीजा नहीं निकला. भारत चाहता है कि इस इलाके में अप्रैल में जो स्थिति थी उसे ही बहाल किया जाए. इसके लिए चीन को फिंगर-8 से पीछे हटना होगा. दूसरे, वह पूर्व की भांति फिंगर आठ तक अपनी पेट्रोलिंग जारी रखेगा, लेकिन चीनी सेना इसके लिए तैयार नहीं है.