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चीन सीमा विवाद- केंद्र ने सेना को दी खुली छूट, अपनी सीमा में दखलअंदाजी नहीं करेगा बर्दाश्त

कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्यूरिटी (CCS) की बैठक में सेना को साफ तौर पर कहा गया है कि वह ग्राउंड पर हालात को देखते हुए फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है. भारत अपने स्टैंड पर कायम है कि अपनी सीमा में कोई दखलअंदाजी भारत सहन नहीं करेगा.

Updated on: 17 Jun 2020, 09:52 AM

नई दिल्ली:

चीन के साथ गलवान घाटी में हिंसक भिड़ंत में भारत के 20 सैनिकों के शहीद होने के बाद भारत ने इस मामले में सख्त रुख अपना लिया है. इस मामले में देर रात हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्यूरिटी (CCS) की बैठक में सेना को साफ तौर पर कहा गया है कि वह ग्राउंड पर हालात को देखते हुए फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है. भारत अपने स्टैंड पर कायम है कि अपनी सीमा में कोई दखलअंदाजी भारत सहन नहीं करेगा.

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद चीन की सीमा से सटे राज्यों में आईटीबीपी के जवानों को अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है. उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में चौकसी बढ़ा दी गई है. गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (LAC) पर सोमवार रात हुई हिंसक झड़प में कम से कम 20 भारतीय जवान शहीद हुए हैं. पहले एक अफसर सहित तीन जवानों के शहीद होने की खबर आई थी, लेकिन देर शाम एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि 20 भारतीय जवान शहीद हुए हैं. एएनआई ने यह भी जानकारी दी कि यह आंकड़ा और बढ़ भी सकता है. उधर सूत्रों के अनुसार यह भी खबर आ रही है कि चीन की सेना के घायल और मारे गए सैनिकों की संख्‍या भी 43 से अधिक है.

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प्रधानमंत्री मोदी की पूरे हालात पर नजर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूरे मामले में नजर बनाए हुए हैं. इस मामले में लगातार बैठकों का दौर जारी है. इस मामले में पल पल की जानकारी ली जा रही है. विदेश मंत्रालय भी चीन के साथ संपर्क में है. दरअसल यह घटना तब हुई जब सोमवार रात को गलवान घाटी के पास दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद सबकुछ सामान्य होने की स्थिति आगे बढ़ रह थी. इससे पहले विदेश मंत्रालय ने इस मामले में बयान जारी कर कहा था कि भारत ने हमेशा LAC का सम्मान किया और चीन को भी ऐसा करना चाहिए. मंत्रालय ने कहा कि LAC पर कल जो हुआ, उससे बचा जा सकता था.