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74 साल बाद भारत के जंगलों में फिर दिखेंगे चीते, नामीबिया के साथ किया करार

चीते 15 अगस्त से पहले भारत आ जाएंगे. भारत में तो चीते को विलुप्त हुए 7 दशक से ज्यादा बीत गए हैं. 

Updated on: 21 Jul 2022, 05:39 PM

highlights

  • चीते मध्य प्रदेश के कुनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान पहुंचाए जाएंगे.
  • पांच साल में अफ्रीकी देशों से कुल 30 चीते लाने की योजना सरकार की है.
  • चीते को विलुप्त हुए 7 दशक से ज्यादा बीत गए हैं. 

India:

चीता दुनिया का सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर है. मिली जानकारी के मुताबिक, भारत के जंगलों में फिर चीता दिखेगा. 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चीता दौड़ सकता है. देश में विलुप्त हो चुके चीतों को वापस लाने के लिए भारत ने नामीबिया के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए है. इसके तहत अगले महीने नामीबिया से आठ चीते भारत लाए जाएंगे, जिनमें चार नर और चार मादा होंगे. ये चीते मध्य प्रदेश के कुनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान पहुंचाए जाएंगे.  बता दें 74 साल बाद चीते की देश में वापसी होगी. ये चीते 15 अगस्त से पहले भारत आ जाएंगे. भारत में तो चीते को विलुप्त हुए 7 दशक से ज्यादा बीत गए हैं. 

उद्यान पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार, आजादी से पूर्व देश में चीतों की खासी तादाद थी, लेकिन शिकार के कारण इनकी आबादी घटती गई. 1948 में छत्तीसगढ़ के कोरया जिले में चार चीते मारे गए थे. इसके बाद 1952 में देश में चीतों के गायब होने का ऐलान कर दिया गया था. वहीं पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि नामीबिया के अलावा दक्षिण अफ्रीका से भारत में चीते लाए जाएंगे. अगले पांच साल में अफ्रीकी देशों से कुल 30 चीते लाने की योजना सरकार की है. इस साल जनवरी में चीतों की वापसी का एक्शन प्लान तैयार किया गया था. ये पूरा एक्शन प्लान 300 से ज्यादा पन्नों का है. मध्यप्रदेश के श्योर जिले स्थित कुनो उद्यान को चीतों के लिए सबसे उपयुक्त पाया. यहां गिर से लाकर कुछ एशियाई शेरों को भी बसाया गया है. इसलिए यही चीतों को भी बसाया जाएगा. इसके बाद दूसरे उद्यानों में भेजा जाएगा. यहां 36 चीते रखे जा सकते हैं. 

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2012 में भी बनी थी चीते को लाने की योजना

देश में अफ्रीका से चीते लाकर बसाने की योजना 2012 में बनी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस योजना पर रोक लगा दी थी. वहीं अब करीब सात साल से भी अधिक समय के बाद 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने यह रोक हटाई है. वन विभाग के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि भारत लाए जाने वाले चीतों की संख्या केंद्र सरकार द्वारा तय की जाएगी, लेकिन  काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में उन्हें प्राप्त करने और रखने के लिए अतिरिक्त तैयारी चल रही है. उन्होंने कहा कि केएनपी में 12 से 15 चीतों के लिए तैयारी की है और शुरू में स्थानांतरित जानवरों को रखने के लिए पांच वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में आठ डिब्बे रखे हैं.