Chandrayaan-3: आखिर 12 दिन में ही क्यों सो गए लैंडर और रोवर? अब आगे होगा क्या

Chandrayaan-3: चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सूरज डूबने वाला है. उसके बाद यहां रात हो जाएगी. इससे पहले ही चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान नींद के आगोश में चले गए हैं.जो उनके निर्धारित समय से दो दिन पहले है.

Chandrayaan-3: चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सूरज डूबने वाला है. उसके बाद यहां रात हो जाएगी. इससे पहले ही चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान नींद के आगोश में चले गए हैं.जो उनके निर्धारित समय से दो दिन पहले है.

author-image
Suhel Khan
एडिट
New Update
Chandrayaan 3

Chandrayaan 3( Photo Credit : Social Media)

Chandrayaan-3: अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत ने पिछले डेढ़ महीने में कई रिकॉर्ड बनाए हैं. ये रिकॉर्ड चंद्रयान-3 और आदित्य-एल1 की सफलता के चलते भारत के नाम हुए हैं. जुलाई में चंद्र मिशन के लिए चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण और अगस्त में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उसकी सफलतापूर्वक लैंडिंग, उसके बाद सितंबर की शुरूआत में ही सूर्य मिशन आदित्य-एल1 का सफल प्रक्षेपण देश के लिए गर्व की बात रहा है. पूरी दुनिया से भारत की इन उपलब्धियों पर मिली बधाई से हर भारतीय की सीना गर्व से चौड़ा हुआ है.

Advertisment

ये भी पढ़ें: उदयनिधि के 'सनातन' वाले बयान पर विवाद,  बीजेपी के विरोध पर तमिलनाडु के मंत्री ने दी सफाई

लेकिन चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान के नींद के आगोश में चले जाने के बाद लोग ये सोच रहे हैं कि आखिर लैंडर और रोवर सिर्फ 12 दिनों बाद ही क्यों सो गए. इन 12 दिनों में रोवर प्रज्ञान ने चांद की सतह पर कई महत्वपूर्ण खोज की. जो आने वाले दिनों में मानवता के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी. लेकिन 14 दिनों के लिए भेजे गए चंद्रयान-3 के 12 दिनों में ही सो जाने और अब उसके जागने को लेकर लोग तमाम कयास लगा रहे हैं कि इसके बाद लैंडर और रोवर क्या करेंगे.

ये है इसरो का ताजा अपडेट

इसरो की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, प्रज्ञान रोवर के सभी असाइनमेंट पूरे कर लिए हैं और अब उसे एक सुरक्षित जगह पर खड़ा कर दिया गया है. उन्हें स्लीप मोड में डाल दिया गया है. इस पर लगे APXS और LIBS पेलोड को भी बंद कर दिया गया है. इसके अलावा इन दोनों पेलोड में जो डेटा था उसे विक्रम लैंडर ने पृथ्वी पर स्थिर इसरो को भेज दिया है. इसरो का कहना है कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर की बैटरी पूरी तरह से चार्ज है. अब चांद पर अगला सूर्योदय 22 सितंबर 2023 को होगा. इस दौरान सोलर पैनल को सूरज की किरणें नहीं मिलेगीं. लेकिन इसरो ने रिसीवर ऑन रखा है, जिससे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर जैसे ही सूरज उगे तो लैंडर और रोवर फिर से उठ जाएं और काम करने लगें. अगर ऐसा नहीं हुआ तो ये चांद के दक्षिणी ध्रुव पर मौजूद रहेंगे और हमेशा भारत का प्रतिनिधित्व करते रहेंगे.

ये भी पढ़ें: UP: कौन है बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री को हत्या की धमकी देने वाला? पुलिस ने किया खुलासा

सिर्फ 12 दिनों में ही क्यों सो गए लैंडर और रोवर?

बता दें कि भारत के चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था. इसके बाद 23 अगस्त को इसकी चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराई गई. जहां अभी तक किसी भी देश का मिशन नहीं पहुंच पाया. कल यानी रविवार 3 सितंबर को इन्हें स्लीप मोड में डाल दिया गया. चंद्रयान-3 के प्रोजेक्ट हेड पी. वीरामुथुवल ने एक इंटरव्यू में कहा कि चांद पर सूरज 22 अगस्त को उगा था. उसके दूसरे दिन के आखिर में चंद्रयान-3 को यहां लैंड कराया गया. ऐसे में हमने बिना कोई रिस्क लिए इसे रविवार से ही स्लीप मोड में डाल दिया.

ये भी पढ़ें: Jammu Kashmir: बारामूला में लश्कर-ए-तैयबा के 2 आतंकी गिरफ्तार, बड़ी साजिश का पर्दाफाश

रोवर प्रज्ञान ने 100 मीटर का सफर किया तय

अपने 12 दिनों के मिशन के दौरान लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान ने भरपूर काम किया. इस दौरान रोवर प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर 100 तक चला. इसरो के मुताबिक, चांद पर पहुंचने वाले कई मिशन 6-6 महीने में 100-120 मीटर सफर ही तय कर पाते हैं, लेकिन चंद्रयान-3 ने सिर्फ 12 दिन में ही ऐसा कर दिखाया. बता दें कि चांद का एक दिन धरती के 14 दिनों के बराबर होता है, ऐसे में अब इसरो को 22 सितंबर का इंतजार है. जब चंद्रमा पर सूरज निकलेगा और लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को नींद से उठाया जाएगा. अगर विक्रम-प्रज्ञान कमांड रिसीव कर लेते हैं तो ये अगले 14 दिनों तक फिर से काम कर पाएंगे. जो भारत के लिए एक और उपलब्धि होगी.

अगर ऐसा नहीं हुआ यानी दोनों ने सूरज निकलने के बाद भी काम नहीं किया तो चंद्रयान-3 का मिशन यहां समाप्त हो जाएगा. बता दें कि रोवर प्रज्ञान ने 12 दिनों के अंदर चंद्रमा की सतह पर ऑक्सीजन समेत 8 तत्व की मौजूदगी और अलग-अलग तापमान होने के साथ-साथ भूकंप को भी महसूस किया. इसके अलावा उन्होंने कई अन्य खोज भी की.

HIGHLIGHTS

  • 12 दिनों में ही क्यों सो गए रोवर और लैंडर?
  • चांद के दक्षिणी ध्रुव पर 22 सितंबर को होगी सुबह
  • सूरज निकलने के बाद फिर से काम कर सकता है चंद्रयान-3

Source : News Nation Bureau

Mission Moon chandrayaan 3 date Pragyan rover Live isro india-news Moon Mission
      
Advertisment