आतंकियों को ढेर करने के बाद शहीद हुए जाबांज लांसनायक चंद्र सिंह, सेना ने दी सलामी
जम्मू-कश्मीर सीमा पर आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में पिथौरागढ़ का जाबांज शहीद हो गया है। सेना ने उन्हें अंतिम विदाई देते हुए सौ तोपों की सलामी दी।
नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर सीमा पर आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में पिथौरागढ़ का जाबांज लांसनायक चंद्र सिंह शहीद हो गया है। सेना ने उन्हें अंतिम विदाई देते हुए सौ तोपों की सलामी दी। मुठभेड़ के दौरान चंद्र सिंह ने दो आतंकवादी मार गिराए गए। आपको बता दें कि जवान के शहीद होने की सूचना मिलने के बाद से क्षेत्र में शोक की लहर छा गई है। शहीद की मां को भी इसकी सूचना नहीं दी गई है।
Srinagar (J&K): Wreath laying ceremony of Naik Chandra Singh (who lost his life in Bandipora encounter) pic.twitter.com/FwMMPcIsAg
— ANI (@ANI_news) November 26, 2016
कुमाऊं स्काउट में तैनात लांसनायक चंद्र सिंह उर्फ चंचल इन दिनों 13 राष्ट्रीय राइफल (आरआर) में जम्मू कश्मीर के बांदीपोरा जिले के नटकई में तैनात थे। सीमा पर हुए आतंकियों से मुठभेड़ में दो आतंकियों को मार गिराने के बाद आतंकियों की एक गोली चंद्र सिंह को लगी और वह देश की सेवा करते हुए शहीद हो गए।
38 वर्षीय चंद्र सिंह 20 वर्ष पूर्व सेना में भर्ती हुए थे। छह माह पूर्व तक अपने जिले में धारचूला में तैनात थे। इसके बाद उनकी तैनाती 13 राष्ट्रीय रायफल में पाकिस्तान सीमा पर हुई। शहीद की दो पुत्रियां नेहा कार्की (9 वर्ष) और निशा कार्की (6 वर्ष) हैं। शहीद की पत्नी चंद्रकला देवी बच्चों को पढ़ाने के लिए हल्द्वानी में किराये का मकान लेकर रहती हैं। शहीद के पिता हर सिंह का 22 वर्ष पहले निधन हो चुका है। पिता की जगह पर शहीद के बड़े भाई भगत सिंह कार्की बुलंदशहर (उप्र) में सिंचाई विभाग में नौकरी करते हैं।
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