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नारदा घोटाले में TMC के मंत्रियों नेताओं के घर CBI की छापेमारी

सोमवार को घोटाले के आरोपी कैबिनेट मंत्री फिरहाद हकीम, कैबिनेट मंत्री सुब्रत मुखर्जी, टीएमसी विधायक मदन मित्रा और पूर्व बीजेपी नेता सोवन चटर्जी के घर सीबीआई ने छापेमारी की.

Updated on: 17 May 2021, 10:12 AM

highlights

  • नारदा घोटाले में सोमवार सुबह की सीबीआई ने छापेमारी
  • टीेएमसी के मंत्रियों और नेताओं को लाया गया सीबीआई ऑफिस
  • 2014 का है नारदा घोटाला

कोलकाता:

ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के मंत्रिमंडल की शपथ ग्रहण समारोह से ठीक पहले राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankar) ने नारदा घोटाले में टीएमसी के नेताओं औऱ मंत्रियों के खिलाफ केस को हरी झंडी दे दी थी. इस कड़ी में सोमवार को घोटाले के आरोपी कैबिनेट मंत्री फिरहाद हकीम, कैबिनेट मंत्री सुब्रत मुखर्जी, टीएमसी विधायक मदन मित्रा और पूर्व बीजेपी नेता सोवन चटर्जी के घर सीबीआई ने छापेमारी की. इसके बाद इन चारों को सीबीआई दफ्तर लाया गया है. सीबीआई टीम सुबह ही परिवहन मंत्री और कोलकाता नगर निगम के अध्यक्ष फिरहाद हकीम के घर पहुंची. थोड़ी देर की तलाशी के बाद फिरहाद हकीम को सीबीआई अपने साथ ले जाने लगी. इस दौरान फिरहाद हकीम ने कहा कि मुझे नारदा घोटाले में गिरफ्तार किया जा रहा है.

छापेमारी के बाद आरोपी लाए गए सीबीआई ऑफिस
प्राप्त जानकारी के मुताबिक सीबीआई की टीम सुब्रत मुखर्जी और मदन मित्रा को भी लेकर सीबीआई दफ्तर पहुंची है. इसके अलावा पूर्व बीजेपी नेता सोवन चटर्जी के घर पर भी सीबीआई की टीम ने छापेमारी की. सोवन चटर्जी ने चुनाव से पहले टीएमसी छोड़कर बीजेपी ज्वॉइन किया था, लेकिन टिकट न मिलने के बाद उन्होंने बीजेपी भी छोड़ दी थी. सीबीआई के सूत्रों का कहना है कि इन चारों नेताओं को नारदा घोटाले में पूछताछ के लिए सीबीआई दफ्तर लाया गया है. सीबीआई ने गिरफ्तारी के आरोप से इनकार करते हुए कहा कि हमने किसी भी मंत्री या विधायक या किसी नेता को गिरफ्तार नहीं किया है.

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राज्यपाल ने दे  दी मुकदमा चलाने की इजाजत
पिछले दिनों ही सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से नारद स्टिंग मामले में फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अनुमति मांगी थी. ये सभी उस समय मंत्री थे, जब कथित नारद स्टिंग टेप सामने आया था. चुनाव के तुरंत बाद राज्यपाल ने सीबीआई को इजाजत दे दी थी.

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2014 का नारदा घोटाला
पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले नारदा स्टिंग टेप सार्वजनिक किए गए थे. दावा किया गया था कि ये टेप साल 2014 में रिकॉर्ड किए गए थे और इसमें टीएमसी के मंत्री, सांसद और विधायक की तरह दिखने वाले व्यक्तियों को कथित रूप से एक काल्पनिक कंपनी के प्रतिनिधियों से कैश लेते दिखाया गया था. यह स्टिंग ऑपरेशन कथित तौर पर नारदा न्यूज पोर्टल के मैथ्यू सैमुअल ने किया था. कलकत्ता हाई कोर्ट ने मार्च, 2017 में स्टिंग ऑपरेशन की सीबीआई जांच का आदेश दिया था.