logo-image

पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा की जांच के लिए CBI ने बनाई चार टीमें

पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा मामलों की जांच के लिए सीबीआई ने संयुक्त निदेशक के नेतृत्व में चार टीमों का गठन किया है.

Updated on: 20 Aug 2021, 10:09 AM

कोलकाता:

पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामले की जांच के लिए हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया है. इसके बाद सीबीआई ने इस मामले की जांच के लिए चार टीमें भी गठित कर दी है. सीबीआई इस मामले में हिंसा के दौरान महिलाओं के खिलाफ अपराध और हत्या के मामलों की जांच करेगी. इसके लिए सीबीआई ने संयुक्त निदेशक के नेतृत्व में चार टीमों का गठन किया है. जानकारी के मुताबिक पूरी जांच की निगरानी अतिरिक्त निदेशक रैंक के एक अधिकारी द्वारा की जाएगी. उन्होंने बताया कि प्रत्येक टीम में सात सदस्य होंगे, जिनमें एक उप महानिरीक्षक और तीन पुलिस अधीक्षक शामिल होंगे. 

यह भी पढ़ेंः अमेरिकी संसद भवन के पास ट्रक में बम की खबर से हड़कंप, खाली कराए गए इलाके

सीबीआई ने यह कदम कलकत्ता हाईकोर्ट के पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा के दौरान महिलाओं के खिलाफ कथित अपराधों व हत्याओं की सीबीआई जांच के आदेश के बाद उठाया है. गौरतलब है कि गुरुवार को विधानसभा चुनावों के बाद कथित हिंसा की घटनाओं की स्वतंत्र जांच के अनुरोध वाली जनहित याचिकाओं पर सर्वसम्मति से फैसला सुनाया था. पांच न्यायाधीशों की पीठ ने अन्य सभी मामलों की जांच के लिए एक ‘एसआईटी’ के गठन का भी आदेश दिया.

यह भी पढ़ेंः आज पीएम मोदी सोमनाथ मंदिर की परियोजनाओं का करेंगे उद्घाटन

ममता देंगी फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती 
कलकत्ता हाईकोर्ट ने चुनाव बाद हुई हिंसा मामले में सीबीआई की जांच का आदेश दिया है. हालांकि, इस फैसले से ममता सरकार खुश नजर नहीं आ रही है. ममता सरकार ने कहा है कि वह इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी. हाईकोर्ट के इस फैसले भाजपा को अब हमला बोलने का मौका मिल गया है और उसने कहा है कि इस फैसले ने सरकार को उजागर कर दिया है. ममता बनर्जी के करीबी और टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा कि मैं इस फैसले से नाखुश हूं. अगर हर कानून और व्यवस्था के मामले में, जो पूरी तरह से राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में है, सीबीआई का दखल होता है तो यह राज्य के अधिकार का उल्लंघन है. मुझे यकीन है कि राज्य सरकार स्थिति को समझेगी और अगर जरूरत हुई तो सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का निर्णय लेगी.