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धनबाद के जज उत्तम आनंद की मौत का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, स्वतंत्र जांच की मांग

Dhanbad Judge Death: सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से कहा है कि इस मामले कि स्वतंत्र जांच होनी चाहिए क्योंकि जिस तरह घटना को अंजाम दिया गया है, उसके पीछे बड़ी साजिश हो सकती है.

Updated on: 29 Jul 2021, 12:17 PM

नई दिल्ली:

धनबाद में सुबह की सैर पर निकले जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की हादसे में हुई मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने कोर्ट (Court) से इस पूरे मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की है. बार एसोसिएशन ने पूरे मामले के पीछे गहरी साजिश का शक जताया है.  जज की ऑटो से टक्कर मारकर हत्या का शक जताया गया है. पुलिस को मामले में सीसीटीवी फुटेज मिले हैं, जिसमें जज में जानबूझकर टक्कर मारने का मामला दिखाई दे रहा है. 

सीजेआई ने लिया संज्ञान
जज की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एन वी रमना ने कहा की उन्होंने झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से बात की है. इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने  स्वतः संज्ञान लेते हुए धनबाद के पुलिस अधिकारी को तलब किया है. मामले में धनबाद के एसएसपी से वीडियो कांफ्रेंसिंग पर जानकारी ली गई है. मॉर्निंग वॉक पर निकले जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की हादसे​ में मौत का जो सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, उससे काफी हद तक यह स्पष्ट हुआ है कि ऑटो ने टक्कर जानबूझकर मारी.

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क्या है मामला 
धनबाद के जिला एवं सत्र न्‍यायाधीश उत्तम आनंद बुधवार सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे, तभी रणधीर वर्मा चौक के नज़दीक एक ऑटो ने उन्‍हें टक्कर मार दी थी. टक्कर से मारे गए जज की मौत की घटना सीसीटीवी में कैद हो गई, जिसमें दिखाई दिया कि टेम्पोनुमा ऑटो पहले सीधे सड़क पर जा रही था और जज सड़क किनारे वॉक कर रहे थे. लेकिन आचनक सड़क किनारे आकर ऑटो जज को टक्कर मारकर फरार हो गया. अब पुलिस इस मामले में हत्या के एंगल से भी जांच कर रही है लेकिन मीडिया से दूरी बना रखी है.

रंजय हत्याकांड की कर रहे थे सुनवाई 
जिला एवं सत्र न्‍यायाधीश उत्तम आनंद पूर्व विधायक संजीव स‍िंह के करीबी रंजय हत्याकांड के मामले में सुनवाई कर रहे थे. इस मामले में तीन दिन पहले ही जज आनंद ने उत्तर प्रदेश के इनामी शूटर अभिनव सिंह और होटवार जेल में बंद अमन सिंह से ताल्लुक रखने वाले शूटर रवि ठाकुर व आनंद वर्मा की जमानत का आवेदन खारिज किया था. इसके साथ ही, आनंद कतरास में राजेश गुप्ता के घर पर बमबाज़ी के मामले जैसे कुछ और संवेदनशील केसों की सुनवाई कर रहे थे.