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गाजियाबाद में 8 महीने बाद कोरोना की दस्तक से हड़कंप, इस शहर में मास्क लगाना हुआ अनिवार्य

गाजियाबाद में 8 महीने बाद कोरोना का कोई मामला देखने को मिला है. जहां गाजियाबाद में बीजेपी पार्षद अमित त्यागी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.

Updated on: 21 Dec 2023, 07:59 AM

नई दिल्ली:

बढ़ती ठंड के साथ ही देश में कोरोना महामारी तेजी से फैल रही है. देश के कई हिस्सों से लगातार मामले सामने आ रहे हैं. कोरोना के सब-वेरिएंट JN.1 का संक्रमण गोवा, महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु में फैल रहा है. वहीं, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में बुधवार को कोरोना का एक मामला सामने आया है. आपको बता दें कि गाजियाबाद में 8 महीने बाद कोरोना का कोई मामला देखने को मिला है. जहां गाजियाबाद में बीजेपी पार्षद अमित त्यागी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. मिली जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि परिवार के किसी सदस्य की दुबई की ट्रैवल हिस्ट्री सामने आ रही है. बीजेपी पार्षद का परिवार गाजियाबाद के शास्त्री नगर इलाके में रहता है.

कई राज्यों में मास्क की हुई वापसी

प्रशासन जल्द ही सख्त मोड में नजर आ गया है. कयास लगाए जा रहे हैं कि अब एक बार फिर मास्क और सोशल डिस्टैंसिंग और आइसोलेशन के नियम लागू हो सकते हैं. वहीं, चंडीगढ़ में कोरोना के नए वेरिएंट को देखते हुए लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी जा रही है. साथ ही लोगों को भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचने की हिदायत दी जा रही है. देशभर के कई राज्यों में तेजी से फैल रहे संक्रमण को लेकर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है.

इस सब वेरिएंट के क्या है लक्षण?

सीडीसी के मुताबिक, कोरोना के इस नए सबवेरिएंट में अभी तक कोई खास लक्षण नजर नहीं आए हैं. ऐसे में यह पता लगाना फिलहाल मुश्किल है कि इसके लक्षण कोविड के अन्य वैरिएंट से अलग हैं या नहीं. तो सवाल है कि इस वायरस से संक्रमित होने के बाद दिखने वाले सामान्य लक्षण क्या हैं? अगर कोई व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित हो जाता है, उसे बुखार, लगातार खांसी, जल्दी थक जाना, बंद या बंद नाक, नाक बहना, दस्त और सिरदर्द जैसे सिम्टम्स देखने को मिलेंगे.

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क्या यह नया वैरिएंट खतरनाक है? 

फिलहाल इस वेरिएंट को लेकर स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है कि ये वायरस कितना खतरनाक साबित हो सकता है. सीडीसी के मुताबिक, इस वेरिएंट के बढ़ते मामलों को देखकर कहा जा सकता है कि यह फिलहाल बिल्कुल भी खतरनाक स्थिति में नहीं है. यह वेरिएंट इम्यून सिस्टम से आसानी से बच सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल इस बात का अंदाजा नहीं है कि यह वेरिएंट कितना खतरनाक है.इसलिए खुद को सतर्क रखने की जरूरत है और अगर  शरीर में कुछ सामान्य बदलाव नजर आएं तो तुरंत कोराना का जांच कराएं.