logo-image

चीनी नौसेना को मिले संसाधनों की सावधानीपूर्वक निगरानी करनी होगी:नौसेना प्रमुख

Updated on: 25 Jul 2019, 10:52 PM

highlights

  • नये युग में चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा
  • भारत, रूस, अमेरिका की सैन्य तुलना चीन से
  • नौसेना के निर्माण के लिए दीर्घकालीन वित्तीय सहयोग की जरूरत

नई दिल्ली:

नौसेना प्रमुख करमबीर सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि चीन ने अपनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की अन्य इकाइयों से पीएलए नेवी में काफी संसाधन भेजे हैं और भारत को इसकी सावधानीपूर्वक निगरानी करनी होगी. गौरतलब है कि एक दिन पहले ही चीनी रक्षा मंत्रालय ने अपने सैन्य विकास पर ‘‘नये युग में चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा’’ शीर्षक से एक श्वेत पत्र जारी किया है. इसमें भारत, अमेरिका, रूस एवं अन्य देशों की तुलना में चीन के सैन्य विकास के विभिन्न पहलुओं को छुआ गया है.

सिंह ने यहां एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह महज चीनी श्वेत पत्र नहीं है, बल्कि अतीत में भी यह कहा गया है. (पीएलए की) अन्य इकाइयों से पीएलए नौसेना को काफी सारे संसाधन दिये गए हैं और यह कार्य एक वैश्विक शक्ति बनने के उसके इरादे से किया गया है. हमें इसे सावधानीपूर्वक देखना होगा और इस बात पर गौर करना होगा कि हम अपने बजट और दायरे में किस तरह से इसका जवाब दे सकते हैं.’’

यह भी पढ़ें- आगामी 6 महीने में आएगी नौकरियों की बहार, जानिए किसको मिलेगा मौका

दूसरे स्वदेशी विमानवाहक पोत के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में नौसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘हमारी योजना इलेक्ट्रिकल प्रणोदन और ‘कैटोबार’ के साथ 65,000 टन का जहाज बनाना है.’’ कैटोबार (सीएटीओबीएआर) एक ऐसी प्रणाली है जिसका इस्तेमाल किसी विमानवाहक पोत पर किसी विमान के ‘‘लॉंच या रिकवरी’’ में इस्तेमाल किया जाता है. रक्षा क्षेत्र के बारे में बजट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘हमें नौसेना का निर्माण करने के लिए दीर्घकालीन वित्तीय सहयोग की जरूरत है, सिर्फ इसी तरीके से हम योजना बना सकते हैं....’’

यह भी पढ़ें- बिहार : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इलेक्ट्रिक कार से विधानसभा पहुंचे