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CAG गिरिश चंद्र मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में प्रेसिडेंट रामनाथ कोविंद से की मुलाकात

भारत के कम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल गिरिश चंद्र मुर्मू ने आज राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की.

भारत के कम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल गिरिश चंद्र मुर्मू ने आज राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की.

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Sushil Kumar
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राष्ट्रपति से मिले गिरिश चंद्र मुर्मू( Photo Credit : ट्विटर एनआईए)

भारत के कम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल गिरिश चंद्र मुर्मू ने आज राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की. कैग बनने के बाद पहली बार मुर्मू ने प्रेसिडेंट के साथ मुलाकात की है. वे इससे पहले जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल बनाए गए थे. उनको वहां से हटा के मोदी सरकार ने कैग का कार्यभार सौंपा. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल अब मनोज सिन्हा बनाए गए हैं. 2019 के अगस्त में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद इसे दो केंद्र शासित प्रदेश में बांट दिया गया. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख. गिरिश चंद्र मुर्मू को जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल बनाया गया था. एक साल बाद उन्हें वहां से हटाकर कैग बनाया गया. 

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अचानक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इस्तीफा सौंप दिया था

गिरीश चंद्र मुर्मू (Girish Chandra Murmu) को 6 अगस्त को कैग (Comptroller and Auditor General) प्रमुख बनाया गया. इसके पहले मुर्मू ने बुधवार की शाम को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल पद से अचानक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इस्तीफा सौंप दिया था. अब से ठीक एक साल पहले जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को निष्प्रभावी बनाने के बाद गिरीश चंद्र मुर्मू को केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर का पहला उपराज्यपाल नियुक्त किया गया था. इसके साथ ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख को दो अलग हिस्सों मे बांटकर उसे केन्द्र शासित प्रदेश बना दिया गया था. गिरीश चंद्र मुर्मू 1985 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अफसर रहे हैं.

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मुर्मू पीएम मोदी के करीबी और भरोसेमंद अफसरों में से एक माने जाते हैं 

बता दें कि मुर्मू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी और भरोसेमंद अफसरों में से एक माने जाते हैं. गुजरात में मोदी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान वह उनके प्रमुख सचिव भी रह चुके थे. एक मार्च 2019 से वह वित्त मंत्रालय में व्यय सचिव की जिम्मेदारी देख रहे थे. सत्यपाल मलिक के बाद मुर्मू को जम्मू कश्मीर का उपराज्यपाल बनाया गया था. मौजूदा कैग राजीव महर्षि अपने पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं. आपको बता दें कि राजीव महर्षि राजस्थान कैडर के वर्ष 1978 के बैच के IAS अधिकारी रहे हैं. वो इसके पहले गृह सचिव के पद पर भी काम कर चुके हैं. साल 2017 में महर्षि को CAG नियुक्त किया गया था. उन्होंने शशिकांत शर्मा का स्थान लिया था. राजीव महर्षि का कार्यकाल करीब तीन वर्ष का रहा. कैग की नियुक्ति छह वर्ष के लिए होती है या तब तक के लिए होती है जब तक इस पर बैठा व्यक्ति 65 वर्ष का नहीं हो जाता. 8 अगस्त यानि की शनिवार को राजीव महर्षि 65 साल के हो जाएंगे.

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