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14 सीटों पर उपचुनाव में फिर निकला ईवीएम का जिन्न, कैराना में कांग्रेस, SP और RLD ने की पुनर्मतदान की मांग

देश भर की चार लोकसभा और 10 विधानसभा सीटों पर सोमवार को उपचुनाव संपन्न हुए। उत्तर प्रदेश की सबसे हाई प्रोफाइल कैराना लोकसभा सीट पर कुल 54.17 फीसदी वोटिंग हुई।

Updated on: 28 May 2018, 11:44 PM

highlights

  • कैराना लोकसभा सीट पर कुल 54.17 फीसदी वोटिंग हुई
  • UP में 384 वीवीपीएटी मशीनों में खराबी की रिपोर्ट दर्ज की गई
  • चुनाव आयोग ने कहा कि जहां जरूरत होगी वहां दोबारा मतदान कराए जा सकते हैं

नई दिल्ली:

देश भर की चार लोकसभा और दस विधानसभा सीटों पर सोमवार को हुए उपचुनाव के दौरान ईवीएम का मुद्दा एक बार फिर से उठता नजर आया।

महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के कैराना लोकसभा क्षेत्र और नूरपुर विधानसभा की कई बूथों पर ईवीएम और वीवीपीएटी मशीनों में गड़बड़ियों की शिकायत आने पर सोमवार को भारी हंगामा हुआ।

राजनीतिक दलों ने ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) में होने वाली गड़बड़ी का हवाला देते हुए चुनाव आयोग से फिर से मतदान कराए जाने की मांग की। वहीं आयोग ने इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए जाने का मामला बताया।

उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में उपचुनाव के दौरान इस्तेमाल की गई ईवीएम मशीनों और वीवीपीएटी में बड़े पैमाने पर खराबी को लेकर मीडिया में आईं खबरों को चुनाव आयोग ने अतिरंजित करार दिया।

आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि भंडारा-गोंदिया संसदीय क्षेत्र में किसी भी मतदान केंद्र पर मतदान रद्द नहीं किया गया है और खराब मशीनों को बदले जाने के बाद मतदान फिर से शुरू हो गया।

ईसी ने कहा कि सभी आम चुनाव और उपचुनाव में लगभग 20-25 प्रतिशत अतिरिक्त ईवीएम और वीवीपीएटी मशीनें मुहैया कराई जाती हैं।

अतिरिक्त मशीनें सेक्टर अधिकारियों के पास होती हैं, जिनके ऊपर 10-12 मतदान केंद्रों की जिम्मेदारी होती है।

आयोग ने कहा, 'किसी भी मतदान केंद्र पर ईवीएम या वीवीपीएटी को बदलने में सामान्य तौर पर 30 मिनट से भी कम समय लगता है।'

आयोग ने कहा, 'मतदान के दौरान गड़बड़ी वाले ईवीएम या वीवीपीएटी को बदलना एक सामान्य प्रक्रिया है और किसी भी रूप में मतदान प्रक्रिया की ईमानदारी या विश्वसनीयता पर आंच नहीं आती।'

आयोग ने कहा कि भंडारा-गोदिया में 35 बूथों पर मतदान रद्द किए जाने की खबर सच नहीं है, और इसी संसदीय क्षेत्र में 25 प्रतिशत मतदान बूथों पर ईवीएम या वीवीपैट में खराबी की खबरें सही नहीं हैं।

चुनाव आयोग के अधिकारी के मुताबिक, नूरपुर विधानसभा सीट पर कुल 61 फीसदी वोटिंग हुई।

वहीं उत्तर प्रदेश की दो सीटों पर हुए उपचुनाव के दौरान ईवीएम की खराबी को लेकर चुनाव आयोग ने सफाई दी।

आयोग के अधिकारी रमेश चंद्र राय ने कहा, 'उत्तर प्रदेश में 384 वीवीपीएटी मशीनों में खराबी की रिपोर्ट दर्ज की गई। इनमें बिजनौर के नूरपुर में 29 शामिल हैं। इसके अलावा शामली में तीन ईवीएम मशीनों में खराबी पाई गई। सभी खराब ईवीएम और वीवीपीएटी को बदल दिया गया था।'

अधिकारी ने कहा कि जहां पर जरूरत होगी वहां दोबारा मतदान कराए जा सकते हैं।

दोबारा मतदान कराने की मांग

गड़बड़ियों की शिकायत पर कांग्रेस के नेतृत्व में एक बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को चुनाव आयोग से मिलकर प्रभावित मतदान केंद्रों पर दोबारा मतदान कराने की मांग की।

कांग्रेस नेता आर पी एन सिंह ने कहा, 'कैराना, नूरपुर निर्वाचन क्षेत्रों और अन्य जगहों से सैकड़ों ईवीएम में खराबी की खबरें आई हैं। हमारे पास कैराना में सैकड़ों मशीनों के खराब होने की खबरें हैं।'

उन्होंने कहा, 'हमने मांग की है कि जहां भी ईवीएम को बदलने में डेढ़ घंटे से ज्यादा का समय लगा है, वहां कल (मंगलवार) या फिर उसके अगले दिन (बुधवार) दोबारा मतदान कराया जाना चाहिए।'

वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ईवीएम की गड़बड़ी पर ट्वीट कर अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने ईवीएम की खराबी को जनता को मताधिकार से वंचित करने की साजिश करार दिया।

ठीक-ठाक रहा मतदान प्रतिशत

महाराष्ट्र के दो लोकसभा सीटों पालघर में 46 फीसदी और भंडारा-गोंदिया में 42 फीसदी वोटिंग हुई।

पालघर से बीजेपी सांसद चिंतामन वांगा की इसी साल जनवरी में निधन होने के कारण यह सीट खाली हुई थी। वहीं भंडारा-गोंदिया सीट से बीजेपी सांसद नाना पटोले के पिछले वर्ष इस्तीफा देकर कांग्रेस में चले जाने के कारण उपचुनाव हुए।

पंजाब के शाहकोट विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में शाम सात बजे तक 73 फीसदी से ज्यादा मतदान दर्ज किया गया। यह सीट अकाली दल के विधायक अजीत सिंह कोहर के फरवरी में निधन के कारण खाली हुई थी।

उत्तराखंड की चमौली जिले की थराली विधानसभा सीट पर कुल 53.43 फीसदी वोटिंग हुई। यह सीट बीजेपी विधायक मगन लाल शाह के निधन के बाद खाली हुई थी। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस को इस सीट पर हराया था।

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