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बीएसपी का ऐलान, फूलपुर-गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में SP को करेगी समर्थन

बीएसपी सुप्रीमो के निवास पर गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव को लेकर मंथन हुआ और तय किया गया कि उनकी पार्टी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों का समर्थन करेगी।

Updated on: 04 Mar 2018, 03:23 PM

नई दिल्ली:

फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर बीएसपी (बहुजन समाज पार्टी) ने एसपी (समाजवादी पार्टी) को समर्थन देने का ऐलान किया है।

बीएसपी के गोरखपुर प्रभारी घनश्याम चंद्र खारवार ने इस बात की घोषणा करते हुए कहा कि उनकी पार्टी गोरखपुर उपचुनाव में एसपी उम्मीदवार प्रवीण कुमार निषाद का समर्थन करेगी। 

वहीं इलाहाबाद ज़ोन से बीएसपी कॉर्डिनेटर अशोक गौतम ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा, 'हमारे कार्यकर्ता बीजेपी को हटाना चाहते हैं इसलिए हमारे सदस्यों ने एसपी को समर्थन देने का फ़ैसला किया है। हमारे लोग फूलपुर उपचुनाव में एसपी उम्मीदवार नागेंद्र सिंह पटेल को वोट करेंगे।'

बताया जा रहा है कि बीएसपी सुप्रीमो के निवास पर गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव को लेकर मंथन हुआ और तय किया गया कि उनकी पार्टी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों का समर्थन करेगी।

इससे पहले एसपी नेता सुनील सिंह यादव ने कहा, 'मुझे बस इतना पता है कि लोकसभा उपचुनाव में बीएसपी दोनों सीटों पर चुनाव नहीं लड़ेगी। इन दोनों सीटो पर एसपी बीजेपी को कड़ी टक्कर देने जा रही है।'

बता दें कि केशव प्रसाद मौर्य फूलपुर के सांसद पद से इस्तीफा देकर विधान परिषद के सदस्य बन गए हैं। इस उपचुनाव में बीजेपी ने वाराणसी के पूर्व महापौर कौशलेंद्र सिंह पटेल को अपना प्रत्याशी घोषित किया है।

वहीं एसपी की तरफ से नागेंद्र सिंह पटेल उपचुनाव में अपना भाग्य अपनाएंगे। कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता जेएन मिश्र के पुत्र मनीष मिश्र को भाग्य आज़माने का मौक़ा दिया है।

वहीं योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे के बाद खाली हुई गोरखपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी ने क्षेत्रीय अध्यक्ष उपेंद्र दत्त शुक्ला को प्रत्याशी घोषित किया है। जबकि एसपी की तरफ से प्रवीण कुमार निषाद उपचुनाव लड़ेंगे।

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माना जा रहा है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने जिस तरह से लगभग पूरे देश में भगवा झंडा फहराया है उसको लेकर विरोधी पार्टियों में एक साथ आने का माहोल बन रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इससे पहले भी दोनों पार्टियों को साथ चुनाव लड़ने की बात कह चुके हैं। ज़ाहिर है त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय में जिस तरह के चुनाव परिमान आए हैं ऐसे में सभी क्षेत्रीय पार्टियां अलग तरह के राजनीतिक समीकरण पर विचार करने लगी है।

शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूर्वोत्तर राज्यों के चुनाव परिणाम को लेकर कहा कि मैंनें चुनाव से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को त्रिपुरा में तृणमुल और कांग्रेस को साथ चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था। अगर उन्होंने मेरी बात मानी होती तो आज ऐसे हालात नहीं होते।

इससे पहले बिहार चुनाव के दौरान भी यह फॉर्मूला अपनाया जा चुका है। जिसमें बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी थी।

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