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बीजेपी घुसपैठियों को बंगाल से करेगी बाहर, अमित शाह ने किया ऐलान

शरणार्थी संकट पर ममता बनर्जी सरकार पर करारा हमला करते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि सत्ता में आने पर बीजेपी सभी शरणार्थियों की नागरिकता सुनिश्चित करेगी और बंगाल से सभी घुसपैठियों को निकाल भगाएगी

Updated on: 30 Jan 2019, 08:40 AM

कोंटई:

शरणार्थी संकट पर ममता बनर्जी सरकार पर करारा हमला करते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि सत्ता में आने पर बीजेपी सभी शरणार्थियों की नागरिकता सुनिश्चित करेगी और बंगाल से सभी घुसपैठियों को निकाल भगाएगी. पूर्वी मिदनापुर जिले के कोंटई में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, 'घुसपैठियों, रोहिंग्याओं का बंगाल में स्वागत होता है, लेकिन अपनी और अपने परिवार को बचाने के लिए यहां आए शरणार्थियों के लिए यहां कोई जगह नहीं है. मैं सभी बंगाल में रुके सभी शरणार्थियों को आश्वस्त करना चाहूंगा कि उन्हें मोदी सरकार द्वारा नागरिकता दी जाएगी.'

उन्होंने कहा, 'बंगाल आए हिंदू, सिख और जैन शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी जानी चाहिए. मोदी जी नागरिकता संशोधन विधेयक के माध्यम से उन्हें नागरिकता देना चाहते हैं. ममता और उनकी पार्टी को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे राज्यसभा में इस विधेयक का समर्थन करेंगी.'

शाह ने कहा कि न ही वर्तमान तृणमूल सरकार और न ही कम्युनिस्ट और कांग्रेस ने बंगाल में घुसपैठ के मुद्दे को उठाया, क्योंकि वे घुसपैठियों को वोटबैंक मानते हैं.

भगवा पार्टी के अध्यक्ष ने कहा, 'अगर आप बंगाल को घुसपैठियों से मुक्त बनाना चाहते हैं तो ममता, कम्युनिस्ट और कांग्रेस आपकी सहायता नहीं कर सकते. उन्हें घुसपैठियों के वोट की जरूरत है. अगर ऐसा कोई कर सकता है तो वह नरेंद्र मोदी और बीजेपी है.'

भारी संख्या में मौजूद जनसमूह के जयकारों के बीच उन्होंने कहा, 'गो-तस्करी की अनुमति होनी चाहिए या प्रतिबंधित होनी चाहिए? क्या तृणमूल कांग्रेस गो-तस्करी या घुसपैठ रोक सकती है? वे नहीं कर सकते, क्योंकि घुसपैठिये उनके वोटबैंक हैं. एक बार बीजेपी को सत्ता में आने दो. हम एक-एक घुसपैठिये को बाहर खदेड़ देंगे."

शाह ने कहा कि जहां 2019 लोकसभा चुनाव पूरे देश में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के तौर पर दोबारा चुनने का युद्ध होगा, वहीं बंगाल में यह चुनाव खो चुके 'स्वर्णिम बंगाल' (रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा दिया गया नाम) को दोबारा पाने की चुनौती होगी.

उन्होंने कहा, 'बंगाल देश का सांस्कृतिक, राजनीतिक, सामाजिक तौर पर प्रतिनिधित्व किया करता था. लेकिन बंगाल के साथ क्या हुआ? टैगोर का 'सोनार बांग्ला' कहा गया?'