नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते ने मोदी को चेताया, देश बढ़ रहा है दूसरे विभाजन की तरफ
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उनके पौत्र व भाजपा के बंगाल इकाई के उपाध्यक्ष चंद्र कुमार बोस ने स्तब्ध करने वाला बयान दिया.
नई दिल्ली:
नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chadra Bose) की जयंती पर उनके पौत्र व भाजपा के बंगाल इकाई के उपाध्यक्ष चंद्र कुमार बोस ने स्तब्ध करने वाला बयान दिया. नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का नाम लिए बगैर बोस ने कहा कि राष्ट्र दूसरे विभाजन की तरफ बढ़ रहा है. बोस ने कहा कि आज देश बिखर रहा है. मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं. लेकिन, भारत (India) में समुदायों के बीच एकता नहीं है.
बता दें कि वह विवादास्पद कानून के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों का जिक्र कर रहे थे. उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ उनके दादा की तरह की शख्सियत ही भारत को विघटित होने से बचा सकती है. चंद्र कुमार बोस ने कहा, 'इसलिए अगर आप नेताजी को आगे नहीं करते हैं तो देश बिखरेगा और फिर से विभाजन होगा. यह बहुत स्पष्ट संदेश हैं, जिसे मैं प्रधानमंत्री को देना चाहूंगा.'
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यह बयान ऐसे समय में आया है जब भाजपा ने शाहीन बाग को 'शेम बाग' बताया है. दिल्ली में शाहीन बाग सीएए विरोध का केंद्र बन गया है. भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद विजय गोयल ने कहा कि शाहीन बाग 'शेम बाग' बन चुका है. इससे पहले बोस ने सीएए में मुस्लिमों के शामिल करने का समर्थन किया था. इस पर गृह मंत्री अमित शाह विचार करने से कई बार इनकार कर चुके हैं. इससे कुछ दिन पहले भाजपा के सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने भी नागरिकता संशोधन अधिनियम में मुस्लिमों को शामिल करने की मांग की और दिल्ली चुनावों से दूरी बना ली.
उन्होंने आगे कहा कि वह नेताजी के राजनीतिक मार्ग पर नहीं चल पा रहे हैं और अगर धर्मनिरपेक्षता को लेकर उनकी चिंताओं का समाधान नहीं किया गया तो वह पार्टी में बने रहने पर पुनर्विचार कर सकते हैं. बोस ने नागरिकता संशोधन कानून की प्रशंसा की लेकिन कहा कि कुछ बदलाव करने होंगे ताकि किसी भी पीड़ित को नागरिकता दी जा सके, चाहे वे किसी भी धर्म के हों.
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उन्होंने कहा, 'मैं भाजपा के मंच का इस्तेमाल करके धर्मनिरपेक्षता और समावेश के सिद्धांतों को फैलाना चाहता हूं. जब मैंने जनवरी 2016 में भाजपा की सदस्यता ली थी तो मैंने यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से कही थी. वे भी इस पर सहमत हुए थे.' बोस ने कहा, 'लेकिन अब मुझे लग रहा है कि मैं नेताजी के सिद्धांतों का पालन नहीं कर पा रहा. अगर यह चलता रहा तो मुझे पार्टी में बने रहने पर सोचना होगा. लेकिन मैं नरेंद्र मोदीजी से बात किये बिना कोई फैसला नहीं लूंगा.'
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