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मध्य प्रदेश में भाजपा की नजर आदिवासी वोट बैंक पर

मध्य प्रदेश में भाजपा की नजर आदिवासी वोट बैंक पर

Updated on: 25 Feb 2023, 01:45 AM

भोपाल:

मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव इस साल होने वाले हैं, इन चुनाव में आदिवासी वोट बैंक बड़ी भूमिका निभा सकता है, यही कारण है कि भाजपा ने इस वोट बैंक पर बढ़त पाने की हर संभव कोशिश शुरू कर दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।

राज्य में भाजपा बीते दो सालों से आदिवासी वर्ग के बीच अपनी पकड़ को मजबूत बनाने की हर संभव कोशिश में जुटी हुई है, ऐसा इसलिए क्योंकि राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से 47 सीटें इस वर्ग से आते हैं। वर्ष 2018 में हुए विधान सभा चुनाव में कांग्रेस ने आदिवासी वर्ग की इन सीटों मे से 30 में जीत दर्ज की थी। परिणाम स्वरूप कांग्रेस सत्ता में आ गई थी।

भाजपा लगातार यही कोशिश कर रही है कि उसकी आदिवासी वोट बैंक पर पकड़ बनी रहे। यही कारण है कि केंद्र सरकार ने आदिवासी गौरव दिवस का ऐलान किया, साथ ही मध्य प्रदेश में इस वर्ग के नायकों की यादों को चिर स्थाई बनाने की दिशा में कदम बढ़ाये गए।

टंट्या भील की याद में समारोह आयोजित किया गया, यात्राएँ निकली गईं, वहीं भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति के नाम पर किया गया। इसके अलावा जबलपुर में शंकर शाह और रघुनाथ शाह के नाम पर कार्यक्रम हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के कई दौरे हो चुके हैं। अब एक बार फिर गृह मंत्री अमित शाह का सतना आना हुआ है. उन्होंने यहां कोल जनजाति महाकुंभ में हिस्सा लिया यह आयोजन माता शबरी की जयंती के मौके पर आयोजित किया गया।

अमित शाह ने इस मौके पर पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार पर जमकर हमले बोले और शिवराज सरकार के कामकाज की सराहना की। साथ ही कहा कि कांग्रेस की सरकार ने जनजाति वर्ग के जिन कामों को रोका था उन्हें शिवराज सरकार ने दोबारा शुरू किया है।

कुल मिलाकर इस महाकुंभ के जरिए भाजपा ने एक बार फिर आदिवासी वर्ग का दिल जीतने की कोशिश की है। ऐसा इसलिए क्योंकि राज्य की करीब 84 सीटें ऐसी हैं जो आदिवासी वोट बैंक से प्रभावित होती हैं।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.