त्रिपुरा के बाद अब 'राम' कराएंगे कनार्टक में BJP का चुनावी बेड़ा पार, कांग्रेस से हो रही सीधी टक्कर
पूर्वोत्तर के तीन राज्यों विशेषकर वामपंथ का गढ़ माने जाने वाले त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी की शानदार जीत में अहम रणनीतिक भूमिका निभाने वाले राम माधव को अब पार्टी ने कर्नाटक चुनाव की जिम्मेदारी सौंप दी है।
highlights
- कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने सौंपी राम माधव को कमान
- त्रिपुरा में पार्टी को अप्रत्याशित जीत दिला चुकेे हैं बीजेपी महासचिव राम माधव
नई दिल्ली:
पूर्वोत्तर के तीन राज्यों विशेषकर वामपंथ का गढ़ माने जाने वाले त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी की शानदार जीत में अहम रणनीतिक भूमिका निभाने वाले राम माधव को अब पार्टी ने कर्नाटक चुनाव की जिम्मेदारी सौंप दी है।
सूत्रों के मुताबिक पार्टी में महासचिव की जिम्मेदारी संभाल रहे राम माधव को अब कर्नाटक में पार्टी की जीत को सुनिश्चित करने का कमान सौंपा गया है।
राज्य में पार्टी के चुनावी प्रचार की निगरानी माधव के अधीन की गई है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से बीजेपी में आए राम माधव के सियासी कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, उन्हें पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर का प्रभार सौंपा गया है।
दक्षिण की राजनीति में मजबूत दखल के लिए बीजेपी का कर्नाटक जीतना बेहद अहम है। कर्नाटक में इस बार बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही है।
बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह लगातार राज्य में चुनावी दौरे कर कांग्रेस को घेरने की कोशिश कर रहे हैं वहीं कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और मौजूदा मुख्यमंत्री बी एस सिद्धारमैया भी जोरदार जवाबी पलटवार करने से नहीं चूक रहे हैं।
हाल ही में सिद्धारमैया ने लिंगायत समुदाय को अलग धर्म की मान्यता देने का फैसला किया, जिसे चुनावी राज्य में पार्टी का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है।
वहीं बीजेपी ने कांग्रेस की सरकार के इस फैसले को हिंदू धर्म में फूट डालने वाला फैसला बताया है। बीजेपी के साथ-साथ संघ भी राज्य सरकार के इस फैसले से नाराज हैं।
और पढ़ें: मोदी सरकार लिंगायत को नहीं देगी अलग धर्म का दर्जा: शाह
नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान भागवत ने कहा कि इस तरह के कार्य हिंदू धर्म के लिए घातक हैं।
उन्होंने कहा, 'एक ही धर्म के लोगों को बांटने की कोशिशें हो रही हैं। जो लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं, वे राक्षसी प्रवृत्ति के तहत बांटों और राज करो की नीति अपना रहे हैं।'
खबरों के मुताबिक माधव ने आज बेंगलुरू में संघ के अहम पदाधिकारियों, बुद्धिजीवियों और सिविल सोसाएटी के कई सदस्यों से मुलाकात कर पार्टी की चुनावी रणनीति को धार देने की कोशिश की है।
कर्नाटक की 224 सीटों के लिए 12 मई को चुनाव होने हैं, जिसके नतीजे 15 मई को आएंगे।
गौरतलब है कि पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में शानदार प्रदर्शन के बाद कर्नाटक में चुनावी फतह के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से मदद की मांग कर चुकी है।
आगामी विधानसभा चुनाव के लिए संघ परिवार की योजना को अंतिम रूप देने के लिए बी एस येदियुरप्पा और केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार के साथ आरएसएस के पदाधिकारियों की बैठक हुई।
और पढ़ें: पूर्वोत्तर में फतह के बाद कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने RSS से मांगी मदद
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