उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ कानून लागू हो चुका है. इस धर्मांतरण रोधी अध्यादेश के तहत अब तक 35 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं. लेकिन केंद्र सरकार के पास लव जिहाद के किसी भी मामले की कोई जानकारी या रिपोर्टिंग नहीं है. जिसका खुलासा एक आरटीआई के जवाब के बाद हुआ है. 'लव जिहाद' पर गोरखपुर के RTI कार्यकर्ता काली शंकर ने गृह मंत्रालय से 'लव जिहाद' के बारे में जानकारी मांगी थी जिसका जवाब मिला है.
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आरटीआई से मिली जानकारी के हिसाब से गृह मंत्रालय के पास लव जिहाद के किसी भी मामले की कोई जानकारी या रिपोर्टिंग नहीं है. भारत सरकार के गृह मंत्रालय को पिछले 10 सालों में किसी भी केंद्रीय एजेंसी ने उत्तर प्रदेश से 'लव जिहाद' की किसी एक भी घटना को रिपोर्ट नहीं किया है. गृह मंत्रालय के पास ये भी जानकारी नहीं है कि क्या लव जिहाद कानून के अंतर्गत परिभाषित है.
उधर, उत्तर प्रदेश में पिछले महीने लागू हुए इस अध्यादेश के तहत औसतन हर रोज एक से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हुई है. ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020’ को 27 नवंबर को राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद से पुलिस ने एक दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज करते हुए राज्य में करीब 35 लोगों को गिरफ्तार किया है. हाल ही में आधिकारिक तौर पर इसकी जानकारी दी गई थी.
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आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रदेश के एटा से आठ, सीतापुर से सात, ग्रेटर नोएडा से चार, शाहजहांपुर और आजमगढ़ से तीन-तीन, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, बिजनौर एवं कन्नौज से दो-दो तथा बरेली और हरदोई से एक-एक गिरफ्तारी हुई है. अध्यादेश के लागू होने के ठीक एक दिन बाद बरेली के देवरनिया थाने में पहला मुकदमा दर्ज किया गया, जिसमें लड़की के पिता शरीफनगर गांव निवासी टीकाराम राठौर ने शिकायत की कि उवैश अहमद (22) ने उनकी बेटी से दोस्ती करने का प्रयास किया और धर्म परिवर्तन के लिए जबरन दबाव बनाया तथा लालच देने की कोशिश की.
Source : News Nation Bureau