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भ्रष्टाचार मामले में सत्यपाल मलिक पर लगे बड़े आरोप, 2200 करोड़ का करप्शन..!, 29 ठिकानों पर छापेमारी

4,287 करोड़ के प्रोजेक्ट में 2200 करोड़ के करप्शन का आरोप है. यह छापेमारी हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले को लेकर की गई.

Updated on: 24 Feb 2024, 07:01 AM

नई दिल्ली:

सत्यपाल मलिक के 29 ठिकानों पर शुक्रवार को सीबीआई ने छापेमारी की. ये रेड कीरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट में कथित भ्रष्टाचार को लेकर की गई. सीबीआई ने ये रेड जम्मू, श्रीनगर, दिल्ली, गुरुग्राम, मुंबई, बागपत, नोएडा, पटना जयपुर, जोधपुर, बाड़मेर, नागपुर और चंडीगढ़ में की. सीबीआई का दावा है कि छापेमारी के दौरान कैश डिपॉजिट, एफडी में निवेश, अलग-अलग शहरों में प्रॉपर्टी में निवेश के साथ डिजिटल और डॉक्यूमेंट्री के सबूत सामने आए हैं. जांच एजेंसी के अनुसार, टीम यूपी के बागपत में मलिक के पैतृक घर में गई थी. उनका पैतृक घर हिसावडा   गांव मौजूद है. सीबीआई की टीम ने यहां पर जाकर गांव में उनकी संपत्तियों के बारे में जानकारी ली थी. 

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कहां-कहां हुई छापेमारी? 

सीबीआई की टीम ने सत्यपाल मलिक के दिल्ली आरके पुरम, द्वारका और एशियन गेम्स विलेज मौजूद आवास पर रेड मारी है. इसके साथ गुरुग्राम और बागपत में भी उनकी संपत्तियों पर छापेमारी की. बागपत में उनके पैतृक घर की तलाशी भी ली. सीबीआई ने उनके घर की वीडियोग्राफी भी की. रिश्तेदारों ने सीबीआई को ये जानकारी दी कि गांव में मलिक की कोई संपत्ति नहीं है. मलिक के साथ सीबीआई ने चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड (CVPPPL) के पूर्व चेयरमैन नवीन कुमार चौधरी और पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के अ​फसरों के ठिकानों पर ये छापेमारी की. 

किस लिए की ये छापेमारी? 

ये पूरी छापेमारी चिनाब नदी पर बन रहे कीरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (HEP) में 2,200 करोड़ रुपये के कथित भ्रष्टाचार से जुड़े मामले को लेकर हुई. इस मामले को लेकर सीबीआई ने 22 अप्रैल 2022 को मामला दर्ज किया था. ये आरोप है कि 4,287 करोड़ के प्रोजेक्ट में हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट से जुड़े 2,200 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट 2019 में एक प्राइवेट कंपनी को दिया गया था. 

जाने क्या है प्रोजेक्ट 

चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट लिमिटेड (CVPPPL) नाम की कंपनी इस प्रोजेक्ट को बना रही है. इस कंपनी में केंद्र सरकार की नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHPC) की 51% और जम्मू-कश्मीर की जम्मू-कश्मीर पावर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (JKSPDC) की 49% की हिस्सेदारी है. ये प्रोजेक्ट जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर तैयार हो रहा है.