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बाटला हाउस एनकाउंटरः शहीद इंस्पेक्टर एम सी शर्मा को 12 साल बाद गैलेंटरी अवॉर्ड

केंद्रीय रिजर्व पुलिस पुलिस बल के सहायक कमांडेंट नरेश कुमार ने भी कश्मीर घाटी में आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिये सातवीं बार वीरता पुरस्कार से नावाजा गया है.

Updated on: 14 Aug 2020, 08:08 PM

दिल्ली:

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 2008 में बटला हाउस मुठभेड़ (Batla House Encounter) में शहीद हुये दिल्ली पुलिस के निरीक्षक मोहन चंद शर्मा को मरणोपरांत सातवीं बार वीरता पदक दिया गया है. स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने वीरता पुरस्कारों की घोषणा की है. केंद्रीय रिजर्व पुलिस पुलिस बल के सहायक कमांडेंट नरेश कुमार ने भी कश्मीर घाटी में आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिये सातवीं बार वीरता पुरस्कार से नावाजा गया है. वीरता के लिये पुलिस पदक की सूची में जम्मू कश्मीर शीर्ष स्थान पर है जिसके खाते में 81 पदक है और इसके बाद 55 पदकों के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल दूसरे स्थान पर है.

इस बार किसी को भी राष्ट्रपति पु​लिस पदक नहीं मिला है. केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने शुक्रवार को बताया कि इस बार राज्य एवं केंद्रीय पुलिस बलों को वीरता, विशिष्ट सेवा और मेधावी सेवाओं के लिये कुल 926 पदक दिये गये हैं. उत्तर प्रदेश पुलिस को 23 वीरता पदक दिये गये हैं. इसके बाद दिल्ली पुलिस, महाराष्ट्र पुलिस और झारखंड पुलिस को क्रमश: 16, 14 और 12 पदक दिये गये हैं. हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के निदेशक और भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी अतुल करवाल को दूसरी बार वीरता पदक दिया गया है.

कई जवानों को मिला मरणोपरांत सम्मान
सीआरपीएफ के प्रवक्ता ने बताया, 'बल को मिले 55 पदकों में से 41 जम्मू कश्मीर में अभियानों के लिये दिया गया है, जबकि 14 पदक छत्तीसगढ़ में माओवादियों के खिलाफ अभियानों के लिये पदान किया गया है.' सीमा सुरक्षा बल के कमांडेंट विनय प्रसाद को मरणोपरांत बहादुरी पदक दिया गया है. पाकिस्तान की ओर से बिना उकसावे के की गयी गोलीबारी में प्रसाद शहीद हो गये थे. हादसे के दौरान वह जम्मू कश्मीर के सांबा सेक्टर में गश्त पर थे. 

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सितंबर 2008 के दौरान दिल्ली में हुए थे सीरियल ब्लास्ट 
साल 2008 में 13 सितंबर को दिल्ली के इंडिया गेट, करोल बाग,  ग्रेटर कैलाश और कनाट प्लेस में हुए सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे. इन धमाकों में उस समय 26 लोगों की जान गई थी जबकि 133 लोग घायल हुए थे, दिल्ली पुलिस ने इन धमाकों के पीछे आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन को जिम्मेदार पाया. इसके बाद 19 सितंबर को दिल्ली की स्पेशल सेल ने खुफिया सूत्रों की मदद से पता लगाया कि इंडियन मुजाहिद्दीन के पांच आतंकी बाटला हाउस इलाके के एक फ्लैट में मौजूद हैं, जिसके बाद स्पेशल टीम ने समय न गंवाते हुए. उस स्थान पर छापेमारी शुरू कर दी. 

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डेंगू से पीड़ित बेटे को अस्पताल छोड़कर अभियान पर पहुंचे थे एमसी शर्मा
स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर एमसी शर्मा ने लोधी कॉलोनी स्थित दफ्तर में फोन किया जहां एस आई राहुल कुमार सिंह से उनकी बात हुई उन्होंने राहुल कुमार को बताया कि दिल्ली के सीरियल ब्लास्ट में शामिल आतंकी आतिफ फ्लैट नंबर एल-18 में रह रहा है, उसे पकड़ने के लिए टीम लेकर वह बटला हाउस पहुंच जाए. राहुल सिंह अपने साथियों एसआई राकेश मलिक, हवलदार बलवंत, एसआई रविंद्र त्यागी सहित कई पुलिसकर्मियों को लेकर प्राइवेट गाड़ी में रवाना हो गए. एमसी शर्मा अपने बेटे को अस्पताल में छोड़कर इस ऑपरेशन में टीम का साथ देने के लिए पहुंचे उनका बेटा डेंगू से पीड़ित था.