प्रशांत भूषण की वकालत पर लग सकती है रोक!, बार काउंसिल ने भेजा नोटिस
बार कॉउन्सिल ऑफ दिल्ली ने प्रशांत भूषण को बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा है. इसके अलावा कांउसिंल ने भूषण से 15 दिनों के अंदर जवाब देने को कहा है.
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण की मुश्किलें बढ़ सकती है. बार काउंसिल ऑफ दिल्ली ने अवमानना मामले में जांच करने का फैसला किया है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की तरफ से अवमानना का दोषी ठहराए जाने के बाद प्रशांत भूषण के आचरण के बारे में बार कांउसिंल जांच करेगा. साथ ही यह बात पर भी गौर करेगा कि प्रशांत भूषण का व्यवहार बतौर वकील सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने से रोका जा सकता है या नहीं.
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बार कॉउन्सिल ऑफ दिल्ली ने प्रशांत भूषण को बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा है. इसके अलावा कांउसिंल ने भूषण से 15 दिनों के अंदर जवाब देने को कहा है. बार कांउसिंल का कहना है कि उनके ट्वीट्स और सुप्रीम कोर्ट द्वारा अवमानना का दोषी ठहराए जाने के फैसले के चलते क्यों न उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए.
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बार कॉउन्सिल ऑफ दिल्ली ने कहा है कि अगर भूषण 15 दिन के अंदर जवाब दाखिल नहीं करते तो बार कांउसिंल मान लेगी कि वह जवाब देना ही नहीं चाहते और बिना उनके पक्ष के ही आगे इस मामले में बढ़ेगी. बता दें कि कोर्ट के अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को दोषी पाया था और उनको सजा के तौर 1 रुपये का कोर्ट में जमा करवाना था. जिसे प्रशांत भूषण ने बैंक ड्राफ्ट के जरिए जमा किया था.
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