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बजरंग के पिता कर रहे व्रत, ओलम्पिक में बेटे को मिले पदक

बजरंग पूनिया का ओलंपिक में आखिरी और निर्णायक मुकाबला आज यानि शनिवार को है. बजरंग पूनिया आज कांस्य पदक के लिए खेलेंगे. इस दौरान उनके परिवार से उनके पिता और भाई उनका उत्साह बढ़ा रहे हैं.

Updated on: 07 Aug 2021, 03:50 PM

highlights

  • ओलंपिक में कांस्य लेने के लिए लड़ेंगे बजरंग पूनिया
  • जीत के लिए पिता ने रखा व्रत
  • बजरंग के भाई ने जताया जीत का विश्वास

नई दिल्ली:

बजरंग पूनिया का ओलंपिक में आखिरी और निर्णायक मुकाबला आज यानि शनिवार को है. बजरंग पूनिया आज कांस्य पदक के लिए खेलेंगे. इस दौरान उनके परिवार से उनके पिता और भाई उनका उत्साह बढ़ा रहे हैं. बजरंग पूनिया ने आज सुबह वीडियो कॉल पर अपने घर के लोगों से बातचीत की थी. अपने पिता से हुई बातचीत के दौरान बजरंग पूनिया ने कहा, 'पापा कोई इंजरी देश और पदक से बड़ी नहीं, आज पदक निश्चित है.' यह कहते हुए बजरंग पूनिया ने उन्हें पदक का भरोसा दिलाया. इस दौरान उनके भाई ने भी बात की और कहा कि उन्हें, परिवार के लोगों, रिश्तेदारों और देश को पूरा भरोसा है कि वह आज देश के लिए पदक जरूर लाएंगे.

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पूनिया के पिता कर रहे व्रत

ओलम्पिक में पूनिया की जीत के लिए उनके पिता व्रत रख रहे हैं. उनके पिता आज दूसरे दिन व्रत पर हैं. यही नहीं जब-जब भी बजरंग का देश से बाहर मुकाबला होता है, तो बलवान सिंह पूनिया व्रत पर रहते हैं. वीडियो कॉल पर बेटे से बात करते हुए बलवान पूनिया ने बजरंग पूनिया से कहा कि तुमने अभी तक दमदार खेल दिखाया है और आज भी उसी दम-खम से खेलना, क्योंकि उनके लिए कांस्य पदक (Bronze Medal) भी गोल्ड से कम नहीं है. बजरंग के पिता ने बताया कि इस दौरान बजरंग के चेहरे पर खुशी और आत्मविश्वास था, उसे इंजरी है लेकिन फिर भी वह आज पूरी ताकत से लड़ेगा और देश को मेडल दिलाने का पूरा प्रयास करेगा. उनके पिता ने कहा कि खेल में हार-जीत तो चलती रहती है.

बजरंग पूनिया नये दम-खम के साथ करेंगे मुकाबला

सेमीफाइनल का मुकाबला हारने के बाद भी बजरंग पुनिया के हौसले एक बार फिर से बुलंदियों पर हैं. उन्होंने शनिवार की सुबह 7:15 बजे पिता से फोन पर बात की. जिसके बाद उनके पिता का कहना है कि बात करते समय बजरंग के चेहरे पर एक अलग ही खुशी, एक अलग ही विश्वास था. बजरंग ने नये दम-खम के साथ कहा कि पिताजी सेमीफाइनल के मुकाबले में जो हुआ सो हुआ, लेकिन आज शनिवार को होने वाले मुकाबले में निश्चित ही जीतूंगा. पिता ने भी बेटे का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि देश के लिए कांस्य पदक (Bronze Medal) लाना भी स्वर्ण पदक (Gold Medal) लाने के जैसा ही है. उन्होंने कहा कि बजरंग आज तक विदेश की धरती से खाली हाथ नहीं लौटा है. जिस पहलवान से आज मुकाबला है उसे बजरंग 9–0 से पहले भी चित कर चुके हैं. बजरंग के भाई बंसी कुंडू ने कहा कि उन्हें, परिवार के लोगों, रिश्तेदारों और देश को पूरा भरोसा है कि वह आज देश के लिए पदक जरूर लाएंगे.