Tokyo Olympics : मेडल से चूकी गोल्फर अदिति, फिर भी रहा शानदार प्रदर्शन
Tokyo Olympics : मेडल से चूकी गोल्फर अदिति, फिर भी रहा शानदार प्रदर्शन
highlights
- अपने प्रदर्शन से अदिति अशोक ने जीता देशवासियों का दिल
- अदिति ने जगाई थी गोल्फ में मेडल की उम्मीद
- अदिति को अर्जुन अवार्ड से किया जा चुका है सम्मानित
नई दिल्ली:
ओलम्पिक खेलों में भारत को गोल्फ में कभी भी कोई पदक नहीं मिला है. लेकिन इस बार अदिति अशोक ने अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर देशवासियों के दिलों में गोल्फ में देश को मेडल दिलाने की उम्मीद जगा दी थी. हालांकि उनको मैच में पदक तो नहीं मिल सका, लेकिन अदिति ने अपने प्रदर्शन से यह साबित कर दिया कि गोल्फ में भी भारत को जल्द ही मेडल मिलने शुरू हो जाएंगे. शनिवार को हुए मैच के दौरान अदिति चौथे स्थान पर आ गईं. इससे पहले तीसरे राउंड की समाप्ति पर अदिति दूसरे स्थान पर बनी हुई थी.
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कौन हैं अदिति अशोक?
ओलम्पिक खेलों में गोल्फ में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली अदिति अशोक कौन है? लोगों के दिलों में गोल्फ में मेडल की उम्मीद जगाने वाली अदिति के बारे में आज हर कोई जानना चाह रहा है. अदिति का जन्म 29 मार्च, 1998 को बेंगलुरू के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था. अदिति अशोक गोल्फर बनने से पहले बचपन से ही गोल्फ में रूचि रखती थी और इसी की देन थी कि अदिति अशोक ने महज 5 साल की उम्र में गोल्फ खेलना शुरू कर दिया था. जब अदिति ने बचपन में गोल्फ खेलना शुरू किया था, उस दौरान बेंगलुरु में सिर्फ तीन गोल्फ कोर्स थे. पिता ने बेटी की गोल्फ खेलने की ज़िद के आगे हार कर अदिति के पिता उन्हें कर्नाटक गोल्फ एसोसिएशन ड्राइविंग रेंज ले जाने लगे. तब से अदिति लगातार गोल्फ खेलती रहीं और गोल्फ में ही अपना करियर बनाते हुए आगे बढ़ती रहीं. गोल्फ में शानदार प्रदर्शन के चलते उन्होंने 2016 का रूकी ऑफ द ईयर का पुरस्कार जीता. साथ ही क्वालिफाइंग टूर्नामेंट के जरिए 2017 सीजन के लिए एलपीजीए टूर कार्ड भी प्राप्त किया. 2017 में अदिति भारत की पहली एलपीजीए (Ladies Professional Golf Association) खिलाड़ी बनीं और लुईस सुग्स रोलेक्स रूकी ऑफ द ईयर स्टैंडिंग में उन्होंने 8वां स्थान भी प्राप्त किया. 2020 में अदिति को अर्जुन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया. लेकिन यह सब मिलने के पहले अदिति ने अपने खेल को उत्कृष्टतम बनाने के लिए लगातार मेहनत किया और इसके पीछे एकमात्र वजह गोल्फ में उनका बढ़ियां प्रदर्शन ही रहा.
गोल्फ में कैसा रहा अदिति का सफर
पहली बार अदिति लोगों की नज़र में तब आईं, जब उन्होंने 2011 में बेंगलुरु में खेली गई इंडियन ओपन प्रो चैम्पियनशिप में भारत की जानी-मानी गोल्फर स्मृति 'सिमी' मेहरा को हरा दिया. तब अदिति केवल 13 साल की थीं. इसके बाद फिर 2013 में अदिति ने एशियन यूथ खेल और 2014 में हुए यूथ ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया. अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए अदिति ने फिर 17 साल की उम्र में मोरक्को (Morocco) में हुए लल्ला आइचा टूर स्कूल (Lalla Aicha Tour School) के खिताब को भी जीता. इस जीत के साथ वह क्वालिफाइंग स्कूल जीतने वाली पहली भारतीय और सबसे कम उम्र की गोल्फर बन गईं. 2016 में अदिति ने 3-अंडर 213 के स्कोर के साथ हीरो महिला इंडियन ओपन का खिताब जीता. इसके साथ ही वह लेडीज यूरोपियन टाइटल (LET) जीतने वाली पहली भारतीय गोल्फर बन गईं. इसके दो हफ्ते बाद उन्होंने कतर लेडीज ओपन में अपनी दूसरी जीत हासिल की और उस सीजन के ऑर्डर ऑफ मेरिट में दूसरा स्थान हासिल किया.
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