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सेना के कमांडर ने कहा, कश्मीर में आतंकवाद की कमर टूटी, राजनीतिक पहल की जरूरत

कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभा रहे सेना के एक कमांडर ने कहा कि सशस्त्र आतंकवाद की कमर टूट चूकी है, अब राजनीतिक दूरदर्शिता की जरूरत है।

Updated on: 27 Sep 2017, 08:17 PM

नई दिल्ली:

कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभा रहे सेना के एक कमांडर ने कहा कि सशस्त्र आतंकवाद की कमर टूट चूकी है, अब राजनीतिक दूरदर्शिता की जरूरत है।

दक्षिण कश्मीर के पांच जिलों में आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाने वाली विक्टर फोर्स के प्रमुख मेजर जनरल बीएस राजू ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिये इंटरव्यू में कहा, 'ऐसा कोई इलाका नहीं है, जहां आतंकवादियों या पृथकतावादियों का प्रभाव हो। आतंकवादी अब अपने बचाव में लगे हैं।'

उन्होंने कहा, उनका पूरा ध्यान अब इस बात पर है कि आतंकवादी संगठनों में अब और नई भर्तियां न हों और लोगों को इस बात का विश्वास दिलाया जाए कि सेना वहां उनकी मदद के लिए है।'

राजू ने आगे कहा, 'अब यह केंद्र सरकार की राजनीतिक समझ पर निर्भर करता है। यह बहुत हद तक केंद्र सरकार पर निर्भर करेगा। आप आतंकवाद से पुलिस के जरिए ही नहीं निपट सकते। कश्मीरियों के साथ सीधे बातचीत करनी होगी ताकि उन्हें यह बताया जा सके कि क्या दिया जा सकता है और क्या देना संभव नहीं है। हमें लोगों को बताना होगा कि किसी भी हालत में आजादी मुमकिन नहीं है।'

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एक अनुमान के मुताबिक करीब 120 सशस्त्र आतंकवादी घाटी में बचे हैं। राजू ने कहा, 'इन दिनों वह सेना को सीधे निशाना नहीं बना रहे हैं। वह कभी कभार मुखबिर बताकर नागरिकों को निशाना बन रहे हैं।'

उन्होंने कहा, 'हालात अब उस मुकाम पर पहुंच गए हैं, जहां राजनीतिक पहल की शुरुआत की जा सकती है और यह देखकर अच्छा लग रहा है कि इस दिशा में प्रयास होने लगे हैं।'

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