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कोरोना को हराने के लिए आयुष-64 दवा का ट्रायल शुरू

कोरोना को हराने के लिए दुनियाभर के एक्सपर्टेस और वैज्ञानिक इसकी वैक्सीन ढूंढने में लग हुए हैं. इस बीच भारत की आयुष मंत्रालय ने कोरोना की दवा आयु।-64 ट्रायल शुरू कर दिया है.

Updated on: 24 Jun 2020, 02:08 PM

नई दिल्ली:

कोरोना को हराने के लिए दुनियाभर के एक्सपर्टेस और वैज्ञानिक इसकी वैक्सीन ढूंढने में लग हुए हैं. इस बीच भारत की आयुष मंत्रालय ने कोरोना की दवा आयु।-64 ट्रायल शुरू कर दिया है. दरअसल आयुष मंत्रालय के अधीन काम करने वाले राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान ने कोरोना को लेकर चार दवा बनाई हैं. इनमें से एक दवा का नाम आयुष 64 रखा गया है. इसी दवा का ट्रायल जयपुर के प्राइवेट अस्पताल में शुरू हुआ है.

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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें को इस दवा का ट्रायल कोरोना के पहले स्टेज के मरीजों पर किया जा रहा है.आयुर्वेद संस्थान के निदेशक ने बताया कि यह दवा मलेरिया के मरीजों को ठीक करने के लिए इस्तेमाल की जाती थी लेकिन अब इसमें कुछ बदलाव कर कोरोना के मरीजों को दी जा रही है.


राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान का कहना है कि इसके शुरुआती नतीजे अच्छे हैं. हालांकि 3-4 महीनों में पूरे नतीजे सामने आ पाएंगे. वहीं यह भी बताया जा रहा है कि इस दवा के रिसर्च के लिए क्लिनिकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन की मदद ली गई है.

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इससे पहले कल यानी मंगलवार को योग गुरु पापा रामदजेव की कंपनी पतंजलि भी कोरोना की दवा लॉन्च कर चुकी है. पतंजलि का दावा है कि उसने कोरोनिल नाम की जो दवा बनाई है वह कोरोना की पहली आयुर्वेदिक दवा है और इसका ट्रायल भी किया जा चुका है. बाबा रामदेव का दावा है कि इस दवा का ट्रायल दो स्टेज पर किया गया है. पहला क्लिनिकल कंट्रोल स्टडी और दूसरा क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल. उनका दावा है कि इन दोनों मरीजों में 100 फीसदी मरीज ठीक हुए हैं. हालांकि, आयुष मंत्रालय ने कोरोना के बिना अनुमति प्रचार और बिक्रि पर रोक लगा दी है. इसी के साथ पतंजलि से जवाब मांगा हैं. पतंजलि ने भी अपना जवाब भेज दिया है.