जानिए अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ी 7 खास बातें
अटल बिहारी वाजपेयी एक ऐसे राजने थे जिन्हें सभी दलों के सदस्यों का बराबर प्यार मिला। भारतीय राजनीति का यह महापुरुष 25 दिसंबर 1924 को पैदा हुआ था।
नई दिल्ली:
अटल बिहारी वाजपेयी एक ऐसे राजनेता हैं जिन्हें सभी विरोधी दलों के सदस्यों का बराबर प्यार और सम्मान मिला। भारतीय राजनीति का यह महापुरुष 25 दिसंबर 1924 को पैदा हुआ था। उनका जन्म ग्वालियर में हुआ था। शिशु का नाम बाबा श्यामलाल वाजपेयी ने अटल रखा था। माता कृष्णादेवी दुलार से उन्हे अटल्ला कहकर पुकारती थीं। उनते पिता का नाम पं. कृष्ण बिहारी वाजपेयी था। वे हिन्दी, संस्कृत और अंग्रेजी तीनो भाषा के विद्वान है।
अटल बचपन से ही भाषण देने की कला में बेहतरीन रहे और लोग इसलिए उनके प्रति हमेशा आकर्शन में रहते थे। शुरुआती शिक्षा के लिए उन्हें विक्टोरिया कॉलेजियट स्कूल में दाख़िल कराया गया, जहां से उन्होंने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की। आइए जानते हैं उनसे जुड़ी 7 खास बातें
1-शुरुआत में वह छात्र संगठन से जुड़े। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख कार्यकर्ता नारायण राव तरटे ने उन्हें बहुत प्रभावित किया। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शाखा प्रभारी के रूप में कार्य किया। कॉलेज जीवन में उन्होंने कविताएं लिखनी शुरू कर दी थीं। वह 1943 में कॉलेज यूनियन के सचिव रहे और 1944 में उपाध्यक्ष भी बने।
2-ग्वालियर की स्नातक उपाधि और कानपुर के डीएवी महाविद्यालय से स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की। इसके बाद वह पीएचडी करने के लिए लखनऊ चले गए। लेकिन पत्रकारिता से जुड़ने के कारण उन्हें अध्ययन के लिए समय नहीं मिल रहा था।
3-अटल विहारी वाजपेयी ने 1955 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन इस चुनाव में वह हार गए। अटल चुनाव हारे थे लेकिन हिम्मत नहीं। 1957 में बलरामपुर ( उत्तर प्रदेश) से जनसंघ के प्रत्याशी के रूप में अटल पहली बार विजयी होकर लोकसभा में पहुंचे।
4-वह 1957 से 1977 तक जनता पार्टी की स्थापना तक वह बीस वर्ष तक लगातार जनसंघ के संसदीय दल के नेता रहे। इसके बाद भी उनका राजनीतिक करियर लगातार उंचाइयों को छूती रही। मोरारजी देसाई की सरकार बनी तो अटल बिहारी वाजपेयी 1977 से 1979 तक विदेश मन्त्री का पदभार संभाला।उन्होंने विदेशों में भारत की छवि को निखारा।
5-अटल ने 1997 में प्रधानमन्त्री के रूप में देश की बागडोर संभाली। 19 अप्रैल, 1998 को पुनः प्रधानमन्त्री पद की शपथ ली और उनके नेतृत्व में 13 दलों की गठबन्धन सरकार ने पांच वर्षों में देश के अन्दर प्रगति के अनेक आयाम छुए।
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6-अटल बिहारी वाजपेयी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के पहले प्रधानमन्त्री थे जिन्होने गैर कांग्रेसी प्रधानमन्त्री के तौर पर अपना कार्यकाल पूरा किया। इस दौरान वह एनडीए में 24 दलों के गठबंधन लेकर चल रहे थे जिसमें 81 मन्त्री थे। यह उनके नेतृत्व क्षमता की पहचान थी।
7-अटल बिहारी वाजपेयी जननेता के तौर पर तो पूरी दुनिया में प्रख्यात हैं ही लेकिन इससे इतर उनकी पहचान एक जाने-माने हुए कवि की भी हैं। उन्होंने अपने जीवन काल में कई कविताएं लिखीं और समय-दर-समय उन्हें संसद और दूसरे मंचों से पढ़ा भी। उनका कविता संग्रह 'मेरी इक्वावन कविताएं' उनके समर्थकों में खासा लोकप्रिय है।
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