Advertisment

असम सरकार ने बढ़ाया UCC की ओर कदम, मुस्लिम विवाह और तलाक कानून खत्म करने का लिया फैसला

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के कैबिनेट ने शुक्रवार को असम में मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम 1935 को रद्द करने का फैसला लिया.

author-image
Suhel Khan
New Update
himanta biswa sarma

Himanta Biswa Sarma( Photo Credit : Social Media)

Advertisment

असम की हिमंत बिस्वा सरमा सरकार भी उत्तराखंड की तर्ज पर यूसीसी यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. दरअसर, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के कैबिनेट ने शुक्रवार को असम में मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम 1935 को रद्द करने का फैसला लिया. शुक्रवार रात हुई मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया. ऐसा माना जा रहा है कि सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का ये कदम राज्य में यूसीसी की दिशा में उठाया गया पहला कदम है. बता दें कि उत्तराखंड में इस महीने के शुरू में ही यूसीसी को लागू किया गया. इसके बाद उत्तराखंड यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया.

ये भी पढ़ें: Loksabha Election 2024: मजबूत हुआ INDIA गठबंधन! यहां समझिए सारा चुनावी गणित

सोशल मीडिया पर दी जानकारी

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस बारे में शुक्रवार-शनिवार की रात अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट एक्प पर एक पोस्ट किया. जिसमें लिखा, "23.22024 को असम कैबिनेट ने सदियों पुराने असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम को निरस्त करने का एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. इस अधिनियम में विवाह पंजीकरण की अनुमति देने वाले प्रावधान शामिल थे, भले ही दूल्हा और दुल्हन 18 और 21 वर्ष की कानूनी उम्र तक नहीं पहुंचे हों, जैसा कि कानून द्वारा आवश्यक है. यह कदम असम में बाल विवाह पर रोक लगाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है."

क्या बोले कैबिनेट मंत्री जयंत

इसके बाद कैबिनेट मंत्री जयंत मल्लबारुआ ने कहा कि ये समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की दिशा में एक बड़ा कदम है. उन्होंने कहा कि आगे चलकर मुस्लिम विवाह और तलाक से संबंधित सभी मामले विशेष विवाह अधिनियम द्वारा शासित होंगे. मीडिया से बातचीत के दौरान जयंत ने कहा कि, "जिला आयुक्त और जिला रजिस्ट्रार अब नई संरचना के तहत मुस्लिम विवाह और तलाक को पंजीकृत करने के प्रभारी होंगे. निरस्त अधिनियम के तहत कार्यरत 94 मुस्लिम रजिस्ट्रारों को भी उनके पदों से मुक्त कर दिया जाएगा. साथ ही उन्हें एकमुश्त 2 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा."

ये भी पढ़ें: PM मोदी आज लारा थर्मल प्लांट समेत कई परियोजनाओं का करेंगे उद्घाटन, छत्तीसगढ़ को देंगे ये सौगात

बाल विवाह पर लगेगी रोक

कैबिनेट मंत्री मल्लाबारुआ ने कहा कि इस फैसले से बाल विवाह पर रोक लगेगी. उन्होंने कहा कि 1935 के पुराने अधिनियम द्वारा किशोर विवाह को आसान बना दिया गया था, जो ब्रिटिश साम्राज्य के दौरान लिया गया निर्णय था. उन्होंने कहा कि, "प्रशासन इस अधिनियम को निरस्त करके बाल विवाह के मुद्दे को संशोधित करना चाहता है. जिसे महिलाओं के लिए 18 और पुरुषों के लिए 21 वर्ष से कम उम्र के व्यक्तियों के मिलन के रूप में परिभाषित किया गया."

HIGHLIGHTS

  • असम में मुस्लिम विवाह-शादी अधिनियम निरस्त
  • शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया निर्णय
  • यूसीसी की दिशा में माना जा रहा पहला कदम

Source : News Nation Bureau

Assam CM Himanta Biswa Sarma CM Himanta Biswa Sarma Assam News Assam Muslim Marriages and Divorces Registration Act assam CM Himanta Biswa Sarma news Himanta Biswa Sarma BJP
Advertisment
Advertisment
Advertisment