असदुद्दीन ओवैसी का मोहन भागवत के बयान पर पलटवार, बोले-''ये नफरत हिंदुत्व की देन है..''
AIMIM प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार सुबह मोहन भागवत के बयान पर टिप्पणी की. ओवैसी ने ट्वीट कर लिखा कि ये नफरत हिंदुत्व की देन है, इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है.
highlights
- लिंचिंग को लेकर दिए बयान पर साधा निशाना
- भागवत ने कहा था सभी भारतीयों का डीएनए एक
- 2015 में दादरी में हुई थी अखलाक की हत्या
नई दिल्ली:
हिंदुत्व और लिंचिंग को लेकर एक बार फिर बहस शुरू हो गई है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत द्वारा हिंदुत्व और लिंचिंग को लेकर दिए गए बयान के बाद AIMIM प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी निशाना साधते हुए कहा कि ये नफरत हिंदुत्व की देन है. उन्होंने ट्वीट किया कि मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है. ओवैसी ने लिखा कि ये नफरत हिंदुत्व (Hindutva) की देन है, इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है. केंद्रीय मंत्री के हाथों अलीमुद्दीन के कातिलों की गुलपोशी हो जाती है, अखलाक के हत्यारे की लाश पर तिरंगा लगाया जाता है.
दरसअल रविवार को एक किताब के विमोचन कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि अगर कोई हिन्दू कहता है कि मुसलमान यहां नहीं रह सकता है, तो वो हिन्दू नहीं है. गाय एक पवित्र जानवर है, लेकिन जो इसके नाम पर दूसरों को मार रहे हैं, वो हिन्दुत्व के खिलाफ हैं. ऐसे मामलों में कानून को अपना काम करना चाहिए. मोहन भागवत ने यह भी कहा कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है, चाहे वो किसी भी धर्म का हो.
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भागवत के इसी बयान के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए लिखा कि RSS के भागवत ने कहा लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी हैं. इन अपराधियों को गाय और भैंस में फर्क नहीं पता होगा, लेकिन क़त्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक, पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन के नाम ही काफी थे.
असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने आगे लिखा कि आसिफ़ को मारने वालों के समर्थन में महापंचायत बुलाई जाती है, जहां भाजपा का प्रवक्ता पूछता है कि "क्या हम मर्डर भी नहीं कर सकते?" कायरता, हिंसा और कत्ल करना गोडसे की हिंदुत्व वाली सोच का अटूट हिस्सा है, मुसलमानों की लिंचिंग भी इसी सोच का नतीजा है.
क्या है अखलाक हत्याकांड?
बता दें कि गौतम बुद्ध नगर जिले की दादरी तहसील के बिसाहड़ा गांव में 28 सितंबर 2015 को गोमांस के शक पर अखलाक नाम के बुजुर्ग की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. मामले में 20 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी जिसमें मुख्य आरोपी विशाल राणा भी शामिल था. इस हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोड़ कर रख दिया था.
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