भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले के मामले को लेकर केंद्र और पश्चिम बंगाल में ठनी हुई है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बंगाल के बड़े अधिकारियों को दिल्ली बुलाया है तो ममता बनर्जी सरकार इन आधिकारियों को मुक्त करने से इनकार कर रही है. केंद्र ने बंगाल के डीजीपी और मुख्य सचिव को भी तलब किया है. लेकिन इन अधिकारियों ने भी दिल्ली आने से इनकार कर दिया है. केंद्र और बंगाल की इस लड़ाई में दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार भी कूद पड़ी है.
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ममता बनर्जी का साथ देते हुए आरोप लगाया है कि केंद्र पश्चिम बंगाल प्रशासन में जबरन हस्तक्षेप कर रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य के पुलिस अधिकारियों का तबादला संघीय ढांचे पर 'आघात' है. केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'मैं बंगाल की प्रशासनिक व्यवस्था में जबरन हस्तक्षेप करने की निंदा करता हूं. राज्य के अधिकारों में दखल देते हुए चुनाव के पहले पुलिस अधिकारियों का तबादला करने का केंद्र का कदम संघीय ढांचे पर आघात है और अस्थिरता पैदा करने का प्रयास है.'
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उधर, पश्चिम बंगाल में ममता सरकार ने जेपी नड्डा के राज्य के हालिया दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा व्यवस्था का दायित्व संभाल रहे तीन आईपीएस अधिकारियों को भेजने के केंद्र के कदम का तीखा विरोध किया है. उल्लेखनीय है कि बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है. नड्डा के राज्य के हालिया दौरे के दौरान तीनों आईपीएस अधिकारियों पर उनकी सुरक्षा का दायित्व था. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने केंद्र के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा है कि यह संघीय ढांचे के सिद्धांतों के खिलाफ है. उन्होंने कहा है कि यह कदम असंवैधानिक और पूरी तरह अस्वीकार्य है.
Source : News Nation Bureau