खराब स्वास्थ्य के बीच कश्मीर से अनु. 370 हटवाने की योजना तैयार करते थे अरुण जेटली
अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में कई अहम जिम्मेदारियां संभालीं, 24 अगस्त 2019 को उनका निधन हो गया था.
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) की सरकार में वित्त मंत्री रह चुके दिवंगत नेता अरुण जेटली (Arun Jaitley) की आज पुण्यतिथि (Death Anniversary) है. एबीवीपी के कार्यकर्ता से देश के वित्तमंत्री तक का उनका सफर काफी संघर्ष भरा रहा है. अरुण जेटली देश के उन चुनिंदा नेताओं में शामिल हैं जो अपने आखिरी समय में भी देश की समस्याओं को हल करने के लिए मजबूत इरादों के साथ डटे रहे. अरुण जेटली के निधन को एक साल पूरा होने पर देशभर के नेता उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.
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अरुण जेटली की बेटी सोनाली ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि उनके पिता 1975 में एक एबीवीपी कार्यकर्ता के तौर पर जब उनके पिता ने इमरजेंसी के खिलाफ प्रदर्शन किया, तो उन्हें जेल में डा दिया गया. जेल में रहने के दौरान उन्हें कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशामियों का सामना करनाी पड़ा. इस दौरान उनके स्वास्थ्य पर स्थायी रूप से असर भी पड़ा. इसके बाद भी उनका हौंसला कमजोर नहीं हुआ था.
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आखिरी समय में भी करते रहे धारा-370 पर तैयारी
सोनाली कहती हैं कि कश्मीर का मुद्दा हमेशा से अरुण जेटली के दिल के काफी करीब रहा. जेटली मानते थे कि अनुच्छेद 370 कश्मीर के विकास में रोड़ा है. यही कारण है कि अपने आखिरी महीनों में भी कश्मीर की समस्याओं और धारा-370 के बारे में पढ़ते रहते थे. जेटली की धारा-370 को कश्मीर से खत्म करने के प्लान में बड़ी भूमिका थी. सोनाली कहती है कि पीएम मोदी जी और अमित शाह जी के साथ की बदौलत आखिरकार अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के साथ ही इतिहास बना.
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