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लद्दाख पहुंचे सेना प्रमुख जनरल नरवणे, LAC का भी किया दौरा

आर्मी चीफ के साथ लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी, सेना कमांडर, उत्तरी कमान और लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन, जीओसी, फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स मौजूद थे. आर्मी चीफ ने यहां सैन्य गतिविधियों का जायजा लिया.

Updated on: 27 Apr 2021, 06:06 PM

highlights

  • लद्दाख पहुंचे सेना प्रमुख ने जवानों से की मुलाकात
  • हाल ही में आई थीं LAC पर फिर से तनातनी की खबरें
  • सेना प्रमुख लद्दाख से कल वापस आएंगे

नई दिल्ली:

सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे (Amry Chief General MM Naravane) ने आज (मंगलवार को) सियाचिन और पूर्वी लद्दाख का दौरा किया. उनके साथ लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी, सेना कमांडर, उत्तरी कमान और लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन, जीओसी, फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स मौजूद थे. आर्मी चीफ ने यहां सैन्य गतिविधियों का जायजा लिया. उन्होंने यहां परिचालन की स्थिति की समीक्षा की. आर्मी चीफ ने यहां सैनिकों के साथ बातचीत की और उनके साहस की सराहना की. आर्मी चीफ ने कहा कि लद्दाख जैसी विषम परिस्थितियों में अपने कर्तव्य का पालन करना बहादुरी का काम है.

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सेना प्रमुख की लद्दाख से कल वापसी होगी. इस दौरान वे उन स्थानों पर भी जा सकते हैं, जहां चीन को लेकर सीमा विवाद चल रहा है. भारत के सख्त तेवरों को देखते हुए लंबे अरसे बाद लद्दाख से चीन की वापसी हुई है. हालांकि इसके बाद भी चीन बीच-बीच में उकसाऊ गतिविधियों को अंजाम देता रहता है. सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे भी कह चुके हैं कि सीमा पर तनाव के बीच पूर्वी लद्दाख में हमने किसी भी क्षेत्र को नहीं गंवाया है और हम उसी जगह हैं जहां हम इस वार्ता को शुरू करने से पहले थे. 

उन्होंने कहा कि हमने एक इंच जमीन नहीं खोई गई है और न भविष्य में खोएंगे. उन्होंने कहा कि कश्मीर में हाल ही में कुछ आतंकी घटनाएं हुई है. अभी भी घाटी में युवा आतंकी संगठनों में शामिल हो रहे हैं. हालांकि आतंकी घटनाओं में काफी सुधार हुआ है. हमारा प्रयास युवाओं को गलत रास्ते में जाने से रोकना है. वहीं हाल ही में चीन ने कहा था कि वो पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रग्सिं, गोगरा और देपसांग के संघर्ष वाले क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे नहीं हटाएगा. उल्लेखनीय है कि रणनीतिक लिहाज से यह इलाका बेहद महत्वपूर्ण है.

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लगभग एक सप्ताह पहले मीडिया में खबरें आई थीं कि पूर्वी लद्दाख में चीन और भारत के बीच जारी तनाव को एक साल पूरा हो जाएगा. तनाव सुलझाने के लिए दोनों पक्षों के सैन्य अधिकारियों का बीच में अब तक 11 दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन मामला पूरी तरह सुलझ नहीं पाया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दोनों देशों के बीच कमांडर स्तरीय बातचीत हुई थी जिसके बाद चीन ने हॉट स्प्रिंग और गोगरा पोस्ट से अपने सैनिक पीछे हटाने से मना कर दिया है. देपसांग प्लेन समेत इन इलाके सैनिकों की तेनाती दोनों देशों के बीच तनाव की वजह बनी हुई है.