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रूस से तेल खरीद पर जयशंकर ने अमेरिका-यूरोप को दिखाया आईना, जमकर हो रही तारीफ

रूस-यूक्रेन जंग के बीच रूस से तेल खरीदने पर अमेरिका समेत पश्चिमी देश भारत पर लगातार ऐसा नहीं करने का दबाव बना रहे हैं. पश्चिमी देश भारत को अपने पिछग्गू की तरह देखना चाहते हैं. लेकिन, भारत अपने स्वतंत्र विदेश नीति पर कायम है.

Updated on: 13 Apr 2022, 03:18 PM

highlights

  • शिवसेना नेत्री प्रियंका चतुर्वेदी ने विदेश मंत्री के बयान को सराहा
  • विदेश मंत्री ने रूस से तेल खरीदी पर दिया था करारा जवाब
  • यूरोप जितना एक दिन में खरीदता है, हम 1 माह में भी नहीं खरीदते 

नई दिल्ली:

रूस-यूक्रेन जंग (Russia Ukraine War) के बीच रूस से तेल खरीदने पर अमेरिका समेत पश्चिमी देश भारत पर लगातार ऐसा नहीं करने का दबाव बना रहे हैं. पश्चिमी देश भारत को अपने पिछग्गू की तरह देखना चाहते हैं. लेकिन, भारत अपने स्वतंत्र विदेश नीति पर कायम है. भारत जहां एक ओर युद्ध ग्रस्त यूक्रेन में मानवीय सहायता पहुंचा रहा है. वहीं, रूस से भी तेल, गैस और हथियारों की खरीदी कर रहा है. ऐसे में अमेरिका में 2+2 रक्षा और विदेश मंत्रियों के वार्ता के बाद एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने भारत के रूस से तेल खरीदने के सवाल पर कहा था कि भारत रूस से जितना तेल एक महीने में खरीद रहा है, यूरोप इतना तेल एक दिन में रूस से खरीदता है. उनके इस बयान की विपक्षी पार्टियां भी मुरीद हो गई है. शिवसेना की प्रवक्ता व राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एस जयशंकर की तारीफ करते हुए लिखा विदेश मंत्री का शानदार जवाब.

दरअसल,  2+2 वार्ता के लिए अमेरिका (America) दौरे पर गए विदेश मंत्री एस. जयशंकर (Indian Foreign minister S. jaiShankar) ने  मंगलवार को रूस से कच्चा तेल खरीदने पर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि यदि आप रूस से भारत की ऊर्जा खरीद देख रहे हैं, तो मेरा सुझाव है कि आपका ध्यान यूरोप पर होना चाहिए. इसके बाद जयशंकर ने कहा कि हम अपनी ऊर्जा जरूरतों को देखते हुए रूस से भी कुछ ऊर्जा खरीदते हैं, लेकिन पूरे महीने भर के लिए रूस से ऊर्जा की हमारी खरीदारी यूरोप की एक दिन की खरीद की तुलना में कम होगी. गौरतलब है कि रूस ने भारत को बाजार भाव के लगभग एक तिहाई दाम पर भारत को कच्चा तेल देने का ऐलान किया है. इसके साथ ही रूस ने भारत से स्थानीय मुद्रा में पेमेंट करने की भी छूट दी है. 

भारत युद्ध के खिलाफ, बातचीत का पक्षधर
वहीं, रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर विदेश मंत्री एस. जय शंकर (S. jaishankar) ने कहा कि हम संघर्ष के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि हम बातचीत और कूटनीति के लिए तैयार हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम हिंसा की तत्काल समाप्ति का आह्वान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि शांति स्थापित करने के लिए हम हर संभव योगदान देने के लिए तैयार हैं. गौरतलब है कि यूक्रेन युद्ध 48वें दिन में प्रवेश कर चुका है. 

पीएम मोदी ने की रूस-यूक्रेन में आमने-सामने बातचीत की वकालत
भारत और अमेरिका के बीच 2+2 वार्ता यानी दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच वाशिंगटन में होने वाली बैठक से पहले पीएम मोदी ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ वर्चुअल वार्ता की . इस दौरान पीएम ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर अपना रुख भी साफ करते हुए कहा कि दोनों देशों (Russia-Ukraine) के शीर्ष नेताओं को सीधी बात करनी चाहिए. PM Modi ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को आमने-सामने बैठकर बात करनी चाहिए. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैंने यूक्रेन और रूस दोनों के राष्ट्रपतियों से कई बार फोन पर बातचीत की. मैंने न सिर्फ शांति की अपील की, बल्कि मैंने राष्ट्रपति पुतिन को यूक्रेन के राष्ट्रपति के साथ सीधी बातचीत का सुझाव भी दिया. इसके साथ ही पीएम ने यूक्रेन के बूचा शहर में हुए नरसंहार का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बूचा शहर में निर्दोष नागरिकों की हत्याओं की खबर बहुत ही चिंताजनक थी. हमने इसकी तुरंत निंदा की और एक निष्पक्ष जांच की मांग भी की है.इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि हम आशा करते हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रही बातचीत से शांति का मार्ग निकलेगा.

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जर्मनी खुद रूस से खरीद रहा गैस और तेल
ब्लूमबर्ग से बातचीत में जर्मन सरकार के प्रवक्ता स्टेफेन हेबेस्ट्रेट ने इशारों-इशारों में कहा कि जर्मन चांसलर कई बार दोहरा चुकीं हैं कि जर्मनी के ज्यादा से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय साझेदार रूस के खिलाफ पाबंदियां लगाएं. हालांकि, इस खबर पर भारत सरकार की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. आपको बता दें कि जर्मनी खुद रूस से तेल और गैस खरीदने की वजह से यूक्रेन और पोलैंड की आलोचना झेल रहा है.