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अमेरिका को भारत की दो टूक, हम रूस से जितना तेल एक महीने में खरीदते हैं, उतना एक दिन में खरीदता है यूरोप

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत के रूस से मधुर संबंध अमेरिका को हजम नहीं हो रहा है. अमेरिका भारत से अपने पिट्ठू की तरह रूस विरोधी रुख इख्तियार करने के साथ ही रूस से दूरी बनाने की मांग कर रहा है.

Updated on: 12 Apr 2022, 10:43 AM

highlights

  • रूस से तेल नहीं खरीदने की अमेरिकी मां पर भारत की दो टूक
  • भारत अपनी जरूरत के मुताबिक रूस से खरीदता रहेगा तेल
  • युद्ध छोड़कर बातचीत से शांति स्थापित करने की दी सलाह

नई दिल्ली:

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत के रूस से मधुर संबंध अमेरिका को हजम नहीं हो रहा है. अमेरिका भारत से अपने पिट्ठू की तरह रूस विरोधी रुख इख्तियार करने के साथ ही रूस से दूरी बनाने की मांग कर रहा है. इसके साथ ही अमेरिका भारत पर रूस से तेल नहीं खरीदने के लिए दबाव बना रहा है. अमेरिका का तर्क है कि रूस से तेल और गैस खरीदना यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में आर्थिक सहयोग देने जैसा है. इन सबसे बेपरवाह भारत ने अमेरिका को उनकी ही भाषा में जवाब दिया है. भारतीय विदेश मंत्री ने सभी दबाव को धता बताते हुए कहा कि हम रूस से जितना तेल एक महीने में खरीदते हैं, उतना यूरोप एक दिन में खरीदता है. ऐसे में हमारे ऊपर रूस से तेल नहीं खरीदने के लिए दबाव बनाना पूरी तरह से अतार्किक है. 

2+2 वार्ता के लिए अमेरिका (America) दौरे पर गए विदेश मंत्री एस. जयशंकर (Indian Foreign minister S. jai Shankar) ने  मंगलवार को रूस से कच्चा तेल खरीदने पर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि यदि आप रूस से भारत की ऊर्जा खरीद देख रहे हैं, तो मेरा सुझाव है कि आपका ध्यान यूरोप पर होना चाहिए. इसके बाद जयशंकर ने कहा कि हम अपनी ऊर्जा जरूरतों को देखते हुए रूस से भी कुछ ऊर्जा खरीदते हैं, लेकिन पूरे महीने भर के लिए रूस से ऊर्जा की हमारी खरीदारी यूरोप की एक दिन की खरीद की तुलना में कम होगी. गौरतलब है कि रूस ने भारत को बाजार भाव के लगभग एक तिहाई दाम पर भारत को कच्चा तेल देने का ऐलान किया है. इसके साथ ही रूस ने भारत से स्थानीय मुद्रा में पेमेंट करने की भी छूट दी है. 

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भारत युद्ध के खिलाफ, बातचीत का पक्षधर
वहीं, रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर विदेश मंत्री एस. जय शंकर (S. jaishankar) ने कहा कि हम संघर्ष के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि हम बातचीत और कूटनीति के लिए तैयार हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम हिंसा की तत्काल समाप्ति का आह्वान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि शांति स्थापित करने के लिए हम हर संभव योगदान देने के लिए तैयार हैं. गौरतलब है कि यूक्रेन युद्ध 48वें दिन में प्रवेश कर चुका है. 

पीएम मोदी ने की रूस-यूक्रेन में आमने-सामने बातचीत की वकालत
भारत और अमेरिका के बीच 2+2 वार्ता यानी दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच वाशिंगटन में होने वाली बैठक से पहले पीएम मोदी ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ वर्चुअल वार्ता की . इस दौरान पीएम ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर अपना रुख भी साफ करते हुए कहा कि दोनों देशों (Russia-Ukraine) के शीर्ष नेताओं को सीधी बात करनी चाहिए. PM Modi ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को आमने-सामने बैठकर बात करनी चाहिए. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैंने यूक्रेन और रूस दोनों के राष्ट्रपतियों से कई बार फोन पर बातचीत की. मैंने न सिर्फ शांति की अपील की, बल्कि मैंने राष्ट्रपति पुतिन को यूक्रेन के राष्ट्रपति के साथ सीधी बातचीत का सुझाव भी दिया. इसके साथ ही पीएम ने यूक्रेन के बूचा शहर में हुए नरसंहार का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बूचा शहर में निर्दोष नागरिकों की हत्याओं की खबर बहुत ही चिंताजनक थी. हमने इसकी तुरंत निंदा की और एक निष्पक्ष जांच की मांग भी की है.इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि हम आशा करते हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रही बातचीत से शांति का मार्ग निकलेगा.