विपक्ष के साझा बयान पर अनुराग ठाकुर का तंज, विपक्षी दलों के शासन वाले राज्य अशांत

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि राजस्थान, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में जब हिंसा हुई तो ये नेता कहां थे?

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि राजस्थान, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में जब हिंसा हुई तो ये नेता कहां थे?

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Pradeep Singh
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अनुराग ठाकुर, केंद्रीय मंत्री( Photo Credit : TWITTER HANDLE)

देश में सांप्रदायिक हिंसा की बढ़ती घटनाओं और इन मामलों में केंद्र सरकार की निष्क्रियता के खिलाफ 13 मुख्यमंत्रियों और विपक्षी नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी किया है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, शरद पवार, ममता बनर्जी, एमके स्टालिन, हेमंत सोरेन, तेजस्वी यादव सहित अन्य विपक्षी नेताओं ने लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने और सांप्रदायिक हिंसा के अपराधियों को कड़ी सजा देने की संयुक्त अपील की. संयुक्त बयान में, 13 विपक्षी दलों ने कहा है कि वे 'क्षुब्ध' हैं कि भोजन, आस्था जैसे मुद्दों का इस्तेमाल सत्ता प्रतिष्ठान की ओर से समाज का ध्रुवीकरण करने के लिए किया जा रहा है. इसके साथ-साथ विपक्षी पार्टियों ने हालिया सांप्रदायिक हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि कट्टरता फैलाने और समाज को भड़काने वालों पर प्रधानमंत्री की चुप्पी को लेकर स्तब्ध हैं. नेताओं ने कहा कि हम सभी वर्गों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं, सांप्रदायिक ध्रुवीकरण बढ़ाने की इच्छा रखने वालों के मंसूबे को विफल करें.

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विपक्ष के इस संयुक्त बयान के बाद देश का राजनीतिक तापमान बढ़ गया है. केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा ने विपक्ष पर हिंसा पर सेलक्टिव नजरिया अपनाने का आरोप लगाया है. केंद्रय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि, "कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के शासन वाले राज्य शांति से राज्य नहीं चला पा रहे हैं. कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब, आपराधिक गतिविधियां होती रहती हैं."  

उन्होंने कहा कि, ये आरोप निराधार हैं. विपक्षी दल देश में नफरत के बीज बो रहे हैं, यह स्वीकार्य नहीं है. सोनिया गांधी को राजस्थान में हिंसा के मामलों को देखना चाहिए और उनकी सरकार दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई करने में कैसे विफल रही है.  

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि राजस्थान, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में जब हिंसा हुई तो ये नेता कहां थे? विपक्ष शासित राज्यों में हिंसा की कई घटनाएं हो चुकी हैं. राजस्थान में पिछले एक साल में ऐसी 60 से ज्यादा घटनाएं हुईं.

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राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने जयपुर में कहा कि, "कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने लेख में भारत में मौजूदा अस्थिर स्थिति के बारे में सही उल्लेख किया है. भोजन और कपड़े के नाम पर हिंसा भड़काने वालों की प्रधानमंत्री निंदा करें."

गौरतलब है कि रविवार को रामनवमी पर मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक सहित अन्य क्षेत्रों में हिंसा की कई घटनाएं सामने आने के कुछ ही दिनों बाद विपक्षी नेताओं का यह संयुक्त बयान सामने आया है. बयान में कहा गया है कि खरगोन में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है क्योंकि रविवार की सांप्रदायिक झड़प के चार दिनों के बाद 52 घरों और दुकानों में या तो आग लगी दी गई है या फिर उन्हें नुकसान पहुंचाया गया है. वहीं, कुछ लोगों ने आरोप लगाया था कि उन्हें मुस्लिम होने के कारण निशाना बनाया गया था.

संयुक्त बयान में कहा गया है कि रिपोर्ट्स से संकेत मिलता है कि जिन इलाकों में ये घटनाएं हुई हैं, वहां एक भयावह पैटर्न है. सांप्रदायिक हिंसा को भड़काने वाले आक्रामक धार्मिक जुलूसों से पहले भड़काऊ- भड़काऊ भाषण दिए गए थे. पत्र में, विपक्षी नेताओं ने कर्नाटक में मुस्लिम स्कूली छात्रों की ओर से हिजाब या पारंपरिक हेडस्कार्फ पहनने और नवरात्रि के दौरान मांसाहारी भोजन पर प्रतिबंध लगाने के कदम का भी उल्लेख किया है.

विपक्षी नेताओं ने संयुक्त बयान में आगे कहा कि हम देश में उन लोगों द्वारा अभद्र भाषा की बढ़ती घटनाओं से बेहद चिंतित हैं, जिन्हें आधिकारिक संरक्षण प्राप्त है और जिनके खिलाफ कोई सार्थक और कड़ी कार्रवाई नहीं की जा रही है. नेताओं ने कहा कि जिस तरह से सोशल मीडिया और ऑडियो विजुअल प्लेटफॉर्म का आधिकारिक संरक्षण के साथ नफरत और पूर्वाग्रह फैलाने के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है उससे वे बहुत दुखी हैं. 

Anurag Thakur joint statement of the opposition opposition parties is disturbed
      
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