logo-image

एंटीलिया केस: NIA के एक्शन से महाराष्ट्र में हलचल, राउत बोले- ये अच्छे संकेत नहीं

शिवसेना ने अपने एक लेख में लिखा है कि एंटीलिया मामले की जांच इसलिए एनआईए को दी गई ताकि राज्य सरकार पर दबाव बनाया जा सके. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है. 

Updated on: 14 Mar 2021, 12:01 PM

highlights

  • एनआईए ने घंटों पूछताछ के बाद किया वाझे को गिरफ्तार
  • सुत्रों के मुताबिक वाझे ने स्कॉर्पियो खड़ी करने की बात कबूली
  • कार मालिक की संदिग्ध हत्या के बाद पत्नी ने लगाया था वाझे पर आरोप

मुंबई:

देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर स्कॉर्पियो से जिलेटिन की छड़ें बरामद होने के मामले में एनआईए ने मुंबई पुलिस के एक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वाझे को गिरफ्तार किया है. इस मामले के बाद महाराष्ट्र में सियासी हलचल तेज हो गई है. शिवसेना नेता संजय राउत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि इस मामले में NIA की जांच की जानकारी पहले ही विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस तक पहुंचती रही. यह राज्य सरकार के लिए अच्छे संकेत नहीं है. शिवसेना के मुखपत्र सामना में संजय राउत ने यह बयान लिखा है. बीजेपी अब ये मांग कर रही है कि सचिन वाजे का नार्को टेस्ट कराया जाए ताकि महाराष्ट्र सरकार और उनके लिंक की सच्चाई सामने आ सके. 

सामना में साधा निशाना
शिवसेना नेता संजय राउत ने अपने लेख में लिखा है कि इस मामले की जांच NIA को इसलिए दी गई है ताकि राज्य सरकार पर दवाब बनाया जा सके. उन्होंने लिखा कि केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है. राउत ने दावा किया है कि इस मामले की जानकारी विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस तक पहले पहुंचती रही. यह राज्य सरकार के लिए अच्छे संकेत नहीं है. फडणवीस को बतौर नेता विपक्ष अपना खोया हुआ आत्मविश्वास डेढ़ साल बाद वापस मिला है. उन्हें राज्य सरकार को एक मुद्दे पर घेरने का मौका मिल गया है. विधानसभा में सत्र के दौरान चार दिन तक फडणवीस पर फोकस रहा था. 

यह भी पढ़ेंः एंटीलिया के बाहर विस्फोटक लदी कार केस में इनकाउंटर स्पेशलिस्ट गिरफ्तार

कार मालिक की पत्नी ने जताया था हत्या का संदेह
सूत्रों के मुताबिक एनआईए के अधिकारियों का कहना कि विस्फोटक मामले में शनिवार की सुबह सचिन वाझे को जांच के लिए बुलाया था. वह पहले जांच की कमान संभाल रहे थे और स्कॉर्पियो का इस्तेमाल करने के लिए उनका नाम सामने आया था. एनआईए का कहना है कि मामले में उनकी संलिप्तता सामने आई है. सचिन वाझे ने 25 फरवरी को कारमाइकल रोड (एंटीलिया के पास) पर विस्फोटक लदे स्कॉर्पियो लगाने वाले समूह का हिस्सा होने की बात कबूल कर ली है. पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की ओर से लगाए गए आरोपों के बाद सरकार ने विस्फोटक वाली कार के मामले में जांच अधिकारी बनाए गए वाझे का ट्रांसफर कर दिया था. एनकाउंटर स्पेशलिट के रूप में मशहूर रहे वाझे ने ठाणे सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत की याजिका भी दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया.

इन धाराओं में हुई गिरफ्तारी
वाझे को आईपीसी की धारा 286, 465, 473, 506(2), 120 B और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 की धारा 4(a)(b)(I) के तहत गिरफ्तार किया गया है. उनपर ये धाराएं 25 फरवरी को मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक से भरी कार को प्लांट करने में शामिल होने के आरोप में लगाए गए हैं. गौरतलब है कि दक्षिण मुंबई में अंबानी के बहुमंजिला घर एंटीलिया के पास 25 फरवरी को एक 'स्कॉर्पियो' कार के अंदर जिलेटिन की 20 छड़ें रखी हुई मिली थीं. पुलिस ने कहा था कि कार 18 फरवरी को ऐरोली-मुलुंड ब्रिज से चोरी हुई थी. वाहन के मालिक हीरेन मनसुख शुक्रवार को ठाणे में मृत पाए गए थे.

यह भी पढ़ेंः भारत में फिर तेजी से लौट रहा कोरोना, एक दिन में 25 हजार से ज्यादा मामले

इनकाउंटर स्पेशलिस्ट माने जाते हैं वाझे
49 साल के वाझे महाराष्ट्र के कोल्हापुर के रहने वाले हैं और वह 1990 में एक सब-इंस्पेक्टर के रूप में महाराष्ट्र पुलिस में भर्ती हुए थे. सबसे पहले उनकी पोस्टिंग नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली में हुई थी और फिर ठाणे में तैनाती हुई. मुंबई पुलिस में आने के बाद वह एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में मशहूर हुए. वाझे ने अंडरवर्ल्ड के कई गैंगस्टर्स के एनकाउंटर में हिस्सा लिया. बताया जाता है कि उन्होंने 5 दर्जन से अधिक अपराधियों को इन मुठभेड़ों में मार गिराया. बताया जाता है कि वाझे टेक्नोलॉजी की अच्छी जानकारी रखते हैं और उन्होंने कई साइबर क्राइम और आपराधिक केसों को भी उन्होंने सुलझाया था.