अंडमान: सेंटिनल द्वीप पहुंचे अमेरिकी नागरिक की हत्या, 7 दिन की पुलिस कस्टडी में तीन आरोपी
अंडमान निकोबार के उत्तरी सेंटिनल द्वीप पर मंगलवार को संरक्षित सेंटेनलीज आदिवासियों ने अमेरिकी नागरिक की हत्या कर दी.
नई दिल्ली:
अंडमान निकोबार के उत्तरी सेंटिनल द्वीप पर मंगलवार को संरक्षित सेंटेनलीज आदिवासियों ने अमेरिकी नागरिक की हत्या कर दी. इस मामले पर डीजीपी दीपेंद्र पाठक ने कहा, 'तीनों आरोपियों को सात दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है. उनसे पूछताछ की जाएगी. चाऊ की पत्रिका का भी विश्लेषण किया जाएगा. एक पुलिस टीम को उत्तरी सेंटिनल द्वीप भेज दिया गया है.' इस मामले में अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि अन्य चार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. जॉन एलन चाऊ (27) ने इससे पहले पांच बार अंडमान-निकोबार द्वीप जा चुके है. चाऊ ने सेंटेनलीज आदिवासियों से मिलने की इच्छा जाहिर की थी.
American tourist John Allen Chau killed in North Sentinel Island, Andaman: Seven people were arrested yesterday in connection with the case, The other four have been sent to judicial custody. https://t.co/aadcrYHQBT
— ANI (@ANI) November 22, 2018
सेंटेनलीज आदिवासी समूह बहरी दुनिया के साथ कोई संपर्क नहीं रखता. अगर कोई बाहरी व्यक्ति इनके पास आता है तो ये तीरों की बौछार कर देता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक चिडियाटापू से नाव किराये पर लेने के बाद 16 नवंबर को चाऊ आइलैंड के पास पहुंचा, जिसके बाद आगे का सफर उसने अपनी डोंगी से की. इससे पहले 14 नवंबर को भी जॉन ने कोशिश की थी लेकिन वे कामयाब नहीं हो पाया था.
बता दें कि चाऊ को मछुआरों ने द्वीप तक पहुंचाने में मदद की थी. चाऊ सात मछुआरों के साथ बिना इजाजत एडवेंचर ट्रिप पर उत्तरी सेंटिनल द्वीप गए थे. चाऊ सेंटिनेलीज जनजाति के लोगों के साथ मित्रता करने की कोशिश में गए थे. कहा जा रहा है कि उनके शव को रेत में ही गाड़ दिया गया है. मछुआरों ने पुलिस को बताया कि चाऊ पर तीर कमानों से हमला किया गया था. सेन्टीनेंटल जनजातीय लोग 27 वर्षीय चाऊ के शरीर को घसीट कर ले गए और रेत में गाड़ दिया.
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पहले उत्तरी सेंटीनल द्वीप पर बाहरी लोगों का जाना मना था. इस साल एक बड़ा कदम उठाते हुये सरकार ने संघ शासित इलाकों में इस द्वीप सहित 28 अन्य द्वीपों को 31 दिसम्बर, 2022 तक प्रतिबंधित क्षेत्र आज्ञापत्र (आरएपी) की सूची से बाहर कर दिया था. आरएपी को हटाने का आशय यह हुआ कि विदेशी लोग सरकार की अनुमति के बिना इन द्वीपों पर जा सकेंगे.
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