दुबई से जुड़ा कट्टरपंथी स्वयंभू सिख उपदेशक वतन लौटा
दुबई से जुड़ा कट्टरपंथी स्वयंभू सिख उपदेशक वतन लौटा
चंडीगढ़:
दुबई से आपराधिक और सामाजिक जुड़ाव रखने वाला बंदूकधारी स्वयंभू सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह वतन लौटने के बाद सुर्खियों में आया है। वह पंजाब के धार्मिक संगठन वारिस पंजाब दे का प्रमुख है।अमृतपाल सिंह के पास लाइसेंसी हथियार रखने वाली उनकी अपनी सेना है। अमृतसर जिले में गुरुवार को उसके समर्थकों की भीड़ तलवारों और हथियारों के साथ पुलिस से भिड़ गई और जबरदस्ती एक पुलिस स्टेशन पर घेराबंदी कर दी, जिस पर हुई हाथापाई में कई पुलिसकर्मियों को चोटें आईं।
विरोध के बीच छह पुलिसकर्मी घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
समर्थकों की भीड़ अमृतपाल सिंह के सहयोगी लवप्रीत तूफान की गिरफ्तारी के खिलाफ अजनाला कस्बे में प्रदर्शन कर रहे थे।
तनाव कम करने के लिए पुलिस कमिश्नर जसकरन सिंह ने मीडिया से कहा कि उन्होंने लवप्रीत तूफान के निर्दोष होने के पर्याप्त सबूत दिए हैं।
उन्होंने कहा, एसआईटी (विशेष जांच दल) ने इसका संज्ञान लिया है। ये लोग अब शांतिपूर्वक तितर-बितर हो जाएंगे और कानून अपना काम करेगा।
कौन है अमृतपाल सिंह?
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, इसी महीने शादी करने वाला अमृतपाल कई विवादों, अपहरण और धमकियों के मामलों में शामिल रहा है।
उसने हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को धमकी देते हुए कहा था कि उनका हश्र पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जैसा होगा।
अमृतपाल का संगठन वारिस पंजाब दे दीप सिद्धू द्वारा स्थापित कट्टरपंथियों का एक संगठन है। सिद्धू की पिछले साल फरवरी में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी।
गुरुवार के घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस घटना पर गंभीर चिंता जताई।
कैप्टन अमरिंदर ने एक बयान में कहा, न केवल पंजाब में कानून और व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है, बल्कि हालात इससे कहीं अधिक गंभीर हैं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने इस घटना की ओर केंद्र सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुए चेतावनी दी कि इन घटनाओं में एक खास पैटर्न है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है।
ऐसी स्थिति से निपटने में राज्य सरकार की क्षमता पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, विशेष रूप से तब, जब पाकिस्तान ऐसी स्थिति को प्रोत्साहित करने और उसका फायदा उठाने की कोशिश में है।
अमरिंदर सिंह ने विरोध स्थल पर पवित्र गुरुग्रंथ साहिब को ले जाने के पीछे की मंशा पर भी सवाल उठाया। उन्होंने इसे अस्वीकार्य बताया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने थाने का घेराव करने वालों से निपटने में पुलिस द्वारा संयम बरते जाने की सराहना की।
उन्होंने कहा, जहां स्थिति को सावधानी से संभालने की जरूरत है, वहीं कानून का शासन कायम रहना चाहिए।
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