ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा को सुप्रीम कोर्ट की इजाजत मिल गई है. कोरोना के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ रथयात्रा की इजाजत दी है. दरअसल, कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से पुरी रथ यात्रा पर रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं डाली गई थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्लेग महामारी के दौरान भी रथ यात्रा सीमित नियमों और श्रद्धालुओं के बीच हुई थी.
गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने जगन्नाथ रथ यात्रा की मंजूरी मिलने के बाद ओडिशा के लोगों को बधाई दी. अमित शाह ने कहा, 'आज का दिन हम सभी के लिए एक खास है, खासकर हमारे ओडिया बहनों और भाइयों के साथ-साथ महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी के भक्तों के लिए. रथयात्रा चलती रहे, ये सुनिश्चित करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पूरा देश प्रसन्न है.'
अमित शाह ने आगे बताया कि मामले की तात्कालिकता और महत्व को देखते हुए, इसे सुप्रीम कोर्ट की एक अवकाश पीठ के सामने रखा गया और सुनवाई आज दोपहर को हुई. जिसने SC द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय के लिए मार्ग प्रशस्त किया. ओडिशा के लोगों को बधाई.'
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सुप्रीम कोर्ट में याचिका की सुनवाई पर केंद्र सरकार की ओर से सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया था कि यह देश के करोड़ों लोगों की आस्था का मसला है और सदियों पुरानी परंपरा है. इस परंपरा के मुताबिक अगर मंगलवार को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा नहीं निकली तो अगले 12 सालों तक यह यात्रा नहीं निकल पाएगी.
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सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना है कि कोरोना के खतरे को देखते हुए राज्य सरकार एक दिन का कर्फ्यू लगा सकती थी. सिर्फ सेवादारों को रथयात्रा में शामिल होने की इजाज़त होगी, उनकी कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव है वहां पर साधारण भक्तों की भीड़ नहीं लगेगी. वो टीवी पर रथयात्रा देखकर भगवान जगन्नाथ का आर्शीवाद ले लेंगे. हर एहतियात बरती जाएगी, पर ये परंपरा टूटनी नहीं चाहिए.
Source : News Nation Bureau