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विश्व पुस्तक मेला 2024( Photo Credit : News Nation)
अगर आप पुस्तक प्रेमी हैं तो अब तक आप जान गए होंगे कि 10 फरवरी से दिल्ली के प्रगति मैदान में विश्व पुस्तक मेला शुरू हो गया है, जो 18 फरवरी तक चलेगा. अगर आप इस मेले में जाने का प्लान बना रहे हैं तो अब देर न करें क्योंकि अब सिर्फ तीन दिन ही बचे हैं और तीन दिन बाद किताबों का कुंभ खत्म हो जाएगा. अगर इस बार आप जाने से चूक गए तो ऐसी कई चीजें मिस कर जाएंगे. इस लिहाज से मेले में आपको कुछ खास स्टॉल देखने को मिलेंगे और सबसे खास बात ये है कि आपको कश्मीर की संस्कृति की झलक भी देखने को मिलेगी.
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कश्मीर को समझने का बेहतर मौका
इस बार विश्व पुस्तक मेले में कश्मीर पर खासा फोकस किया गया है. अगर आप कश्मीर के इतिहास और संस्कृति को समझना चाहते हैं तो इससे बेहतर मंच आपको कहीं नहीं मिलेगा. इस स्टॉल पर बड़े-बड़े फोटो फ्रेम देखने को मिलेंगे, जिनके जरिए आप कश्मीर की संस्कृति की छाप को ज्यादा बेहतर तरीके से अपने दिमाग में कैद कर सकते हैं.
कश्मीर की प्राचीन संस्कृति और हिंदू धर्म के उदय के बारे में जानकारी मिलेगी. आपको बता दें कि यहां कश्मीर का इतिहास जानने आए कुछ लोगों से भी मुलाकात हुई, जिन्होंने अपनी भावनाएं व्यक्त कीं.
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कश्मीर की कहानी कुछ और भी...?
सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे एक युवक ने नाम न छापने की शर्त पर अपने दिल की बात बताई. युवक ने कहा कि कश्मीर के बारे में हमेशा एक तरफा कहानी बताई जाती है. यहां तक ​​कि खबरों और अखबारों में भी ऐसी ही खबरें देखने को मिलीं.
अगर हम इतिहास की बात करें तो हमें सिर्फ एक तरफा जानकारी ही पढ़ने को मिली. पहले हम सोचते थे कि यहां हिंदुओं की आबादी ज्यादा नहीं थी, लेकिन आज इन फोटो फ्रेम के जरिए हमें पता चला कि कश्मीर की एक और कहानी है, जो आज तक लोगों की नजरों से छिपी हुई थी. युवक ने कहा कि हम नेशनल बुक ट्रस्ट को धन्यवाद देना चाहते हैं कि उन्होंने कश्मीर के स्टॉल को इतनी जगह दी.
Source : News Nation Bureau