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ट्रिपल तलाक असंवैधानिक, मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का होता है हनन: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, 'ट्रिपल तलाक असंवैधानिक है, इससे मुस्लिम महिलाओं के अधिकार का हनन होता है।'

Updated on: 08 Dec 2016, 01:25 PM

highlights

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, 'मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देना क्रूरता'
  • हाईकोर्ट ने मुस्लिम महिलाओं की ओर से दायर याचिका पर की सुनवाई
  • ट्रिपल तलाक के विरोध में केंद्र सरकार, मुस्लिम पर्सनल बोर्ड पक्ष में

नई दिल्ली:

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रिपल तलाक पर सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा, 'ट्रिपल तलाक असंवैधानिक है, इससे मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का हनन होता है।' एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा, पर्सनल लॉ बोर्ड संविधान से ऊपर नहीं है।

हाईकोर्ट ने मुस्लिम महिलाओं की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, 'कुरान में भी ट्रिपल तलाक को अच्छा नहीं माना गया है। कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देना क्रूरता है।'

ट्रिपल तलाक पर हाईकोर्ट की टिप्पणी के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) सुप्रीम कोर्ट जा सकता है। AIMPLB के सदस्य कमाल फारुकी ने कहा, 'संविधान हमें धर्म पालन करने की इजाजत देता है। यह कोर्ट की टिप्पणी है, न की फैसला।'

मुस्लिम धर्मगुरु खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा, 'हम हाईकोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन संविधान हमें फैसले के खिलाफ अपील करने का हक देता है।' 

ट्रिपल तलाक पर देशभर में बहस हो रही है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई है। मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने कोर्ट के हस्तक्षेप को धर्म में हस्तक्षेप बताया है। वहीं केंद्र ने भी इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। केंद्र इसे खत्म करने के पक्ष में है।

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साल 2015 में देश के 10 राज्यों में एक गैरसरकारी संस्था 'भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन' ने 4710 मुस्लिम महिलाओं की राय जानी। अध्ययन में सामने आए नतीजों के मुताबिक 92% मुस्लिम महिलाएं मौखिक तलाक के खिलाफ हैं। मुस्लिम महिलाओं ने तलाक को एकतरफा नियम बताया। 93% चाहती हैं कि कानूनी प्रक्रिया का पालन हो।

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