इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बुधवार को केन्द्र सरकार को सुझाव दिया है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए।
यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने संभल के जावेद की जमानत अर्जी खारिज करते हुए दिया है। अर्जी पर शासकीय अधिवक्ता एसके पाल, एजीए मिथिलेश कुमार ने प्रतिवाद किया। न्यायालय ने आगे कहा कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए और गौरक्षा को हिंदुओं का मौलिक अधिकार दिया जाना चाहिए।
आरोप है कि वो साथियों के साथ खिलेंद्र सिंह की गाय चुराकर जंगल ले गया। वहां अन्य गायों सहित खिलेंद्र की गाय को मारकर उसका मांस इकट्ठा करते टार्च की रोशनी में देखा गया। शिकायतकर्ता ने गाय के कटे सिर से पहचान की। आरोपित मौके से मोटरसाइकिल छोड़कर भाग गया। बाद में उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। याची आठ मार्च 2021 से जेल में बंद है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा कि यह आवेदक का पहला अपराध नहीं है, इससे पहले भी उसने गोहत्या की है, जिससे समाज का सौहार्द बिगड़ गया है और जमानत पर रिहा होने पर वह फिर से वही काम करेगा, जिससे समाज में सौहार्द बिगड़ेगा। आवेदक की यह जमानत आवेदन निराधार है और खारिज किए जाने योग्य है।
न्यायालय ने कहा कि हर देशवासी का फर्ज है कि वह गाय का सम्मान करें और उनकी सुरक्षा भी करें। इससे पहले राजस्थान उच्च न्यायालय भी गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के सुझाव दे चुका है। राजस्थान उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह केंद्र सरकार के साथ समन्वय में गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए।
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Source : IANS