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AMU में आतंकी मन्नान वानी की शोक सभा को लेकर विवाद, हजारों कश्मीरी छात्र ने यूनिवर्सिटी छोड़ने की दी धमकी

जम्मू-कश्मीर में मुठभेड़ में मारे गए हिज्बुल कमांडर मन्नान वानी की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में शोक सभा आयोजित करने को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है.

Updated on: 14 Oct 2018, 05:32 PM

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर में मुठभेड़ में मारे गए हिजबुल कमांडर मन्नान वानी की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में शोक सभा आयोजित करने को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. आंतकी मन्नान वानी की शोक सभा आयोजित करने के आरोप में तीन कश्मीरी छात्रों को यूनिवर्सिटी से निलंबित कर दिया गया है. अब इस विवाद को लेकर एक और जानकारी सामने आई है. यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे हज़ारों कश्मीरी छात्रों ने सामूहिक रूप से अपनी डिग्रियां यूनिवर्सिटी प्रशासन को देकर घर लौट जाने की धमकी दी है. छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से निलंबित छात्रों के खिलाफ की गई कार्रवाई वापस लेने के लिए कहा है. यूनिवर्सिटी के कश्मीरी छात्रों ने अक्टूबर 17 को घर लौटने की चेतावनी दी है. एएमयू स्टूडेंट्स यूनियन के उपाध्यक्ष और कश्मीरी छात्र सज्जाद सुभम राठर ने यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर को खत लिखा. खत में लिखा है कि अगर निशाना बनाना बंद नहीं किया तो 1200 से ज्यादा कश्मीरी छात्र अक्टूबर 17 को अपने घर वापस लौट जाएंगे.

सज्जाद ने कहा, 'यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से नमाज़ पड़ने की इजाजत न मिलने के बाद आयोजित नहीं किया गया था. अगर सभी आधिकारिक एजेंसियों द्वारा इस बात की पुष्टि की गई, तो तीन कश्मीरी छात्रों के खिलाफ राजद्रोह का मामला सिर्फ न्याय, उत्पीड़न और न्याय से इनकार करना है.'

हज़ारों कश्मीरी छात्रों की मौजूदगी में शनिवार को AMU प्रॉक्टर मोहसिन खान को खत दिया गया. AMU के प्रवक्ता शाफय किदवई ने कश्मीरी छात्रों के आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा कि किसी भी निर्दोष को परेशान नहीं किया जाएगा.

सज्जाद ने कहा, 'कश्मीरी छात्रों को यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जो कारण बताओ नोटिस और सस्पेंशन लेटर भेजा है उसमें आईपीसी की धारा का जिक्र करते हुए उन्हें धमकाया गया है। इससे छात्र डरे हुए हैं। हम सभी निराधार आरोपों को लेकर कैंपस में नहीं रह सकते हैं।' प्रॉक्टर को भेजे गए पत्र में लिखा है, 'हम सब सहमे हुए हैं। इस डर भरे माहौल में हमारा करियर दांव पर लग गया है।'

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प्रोफेसर किदवई ने कहा, 'कैंपस में किसी भी प्रकार की देशद्रोह गतिविधियां बर्दाश्त नहीं की जाएगी.'

अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस सुपरिटेंडेंट अजय साहनी ने कहा, 'अक्टूबर 12 को वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की. वीडियो में कश्मीरी छात्र भारत विरोधी नारे लगाते हुए नज़र आये थे.'

पुलिस ने वसीम मलिक, अब्दुल मीर और अज्ञात के खिलाफ FIR दर्ज कि है. वीडियो रिकॉडिंग के आधार पर तीनों की पहचान की जा रही है. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने नौ छात्रों को कारण बताओ नोटिस भेजा है. इस मामले की जाँच के लिए तीन सदस्य समिति का गठन किया है. अगले 72 घंटों में रिपोर्ट सौंपी जाएगी.

गुरुवार को कुपवाड़ा जिले में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में मन्नान वानी समेत तीन आतंकियों को मार गिराया था. वानी के मरने के बाद एएमयू के केनेडी हॉल में लगभग 15 छात्र जमा हुए थे और उन्होंने उसके लिए नमाज पढ़नी शुरू कर दी. यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर मोहसिन खान ने बताया कि सभा बुलाने वाले तीन छात्रों को सस्पेंड कर दिया गया है क्योंकि इन्होंने गैरकानूनी तरीके से सभा बुलाई थी.

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अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के पीएचडी छात्र इस साल आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया था. सोशल मीडिया पर मनन वानी की एके-47 राइफल के साथ तस्वीरें वायरल हुई थी. फोटो वायरल होने के बाद एएमयू प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए उसे यूनिवर्सिटी से निलंबित कर दिया था. एएमयू में एप्लाइड जियोलॉजी से बशीर वानी पीएचडी कर रहा था और यूनिवर्सिटी से अचानक गायब हो गया था.